प्रकृति के साथ छेड़छाड़ बंद करें
5 जून : विश्व पर्यावरण दिवस विशेष
सौर मंडल के ग्रह पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों की वजह से कई तरह के खतरे मंडरा रहे हैं और विशेषज्ञों का कहना है कि आए दिन तूफान, चक्रवात, बारिश, सूखा, कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में वृद्धि और जानलेवा बीमारियां। यह संकेत हैं कि मानव को प्रकृति के साथ छेड़छाड़ बंद कर देनी चाहिए अन्यथा इस ग्रह से जीवन समाप्त भी हो सकता है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायनरमेंट (सीएसई) के जलवायु परिवर्तन मामलों के विशेषज्ञ कुशल यादव ने बताया कि विभिन्न देशों को बार-बार चक्रवात और तूफान का सामना करना पड़ रहा है। इनका कारण जलवायु परिवर्तन भी है। तूफानों और चक्रवात के आने की अवधि भी छोटी होती जा रही है।तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में आया तूफान ‘लैला’ जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों का ही नतीजा था। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन की वजह से सूखे के प्रभाव और बारिश के चक्र में भी फर्क दिखाई दे रहा है। वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में वृद्धि का एक कारण बड़ी संख्या में पेड़ काटना भी है। पर्यावरण हितैषी संस्थान ‘सीएमएस एन्वायरमेंट’ की उपनिदेशक अलका तोमर ने कहा कि एक पेड़ कटने पर उसकी भरपाई बहुत मुश्किल से होती है। दोबारा रोपे गए पेड़ों पर नई पत्तियां आने में समय लगता है लेकिन एक बार उन्हें जीवन मिल जाने पर वह पहले की तरह आक्सीजन देते हैं।