प्यार का पंचनामा में दिखाया गया है कि प्यार तब तक ही सुंदर, सुखमय और सम्मोहित करता है जब तक कि हो ना जाए। कुछ दिनों बाद लगने लगता है कि काश ये प्यार ना हुआ होता।
रजत, चौधरी और लिक्विड दोस्त हैं। अपने बोरिंग जॉब से ऊब चुके हैं। लड़कियों का साथ चाहते हैं ताकि जिंदगी में कुछ रोमांच आए। बदकिस्मती से सबसे पहले रजत को नेहा नामक लड़की मिल जाती है। नेहा में वो सब कुछ है जिसके सपने रजत देखा करता था। दोनों साथ रहने लगते हैं। कुछ दिनों बाद उसे समझ में आता है कि नेहा के शिकंजे में वह फँस चुका है।
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चौधरी अपने दोस्त वरुण की गर्लफ्रेंड रिया का जॉब ढूँढने में उसकी मदद करता है। रिया से दोस्ती हो जाती है और कुछ दिनों बाद रिया उसकी गर्लफ्रेंड बन जाती है। इसके बाद चौधरी की जिंदगी मुश्किल हो जाती है।
चारू ऐसी लड़की है जिससे लिक्विड ने जिंदगी में पहली बार बात की। चारू का बॉयफ्रेंड अभिजीत बहुत दूर रहता है और वह लिक्विड को अपना अच्छा दोस्त मानती है। जब चारू और अभिजीत में अनबन होती है तब लिक्विड मौका पाकर चारू से नजदीकी बढ़ाता है। यह खास दोस्त कुछ दिनों में चारू का सेक्रेटरी, नौकर और वेटर में बदल जाता है।
लड़कियों के जीवन में आने के बाद ये तीनों दोस्त उन दिनों को याद करते हैं जब वे सिंगल थे। अब उन्हें मैं इस ड्रेस में कैसी लग रही हूँ? जैसे सवालों का सामना करना पड़ता है।
रात को रूम से बाहर सोना पड़ता है जब ये लड़कियाँ घंटों तक अपने दूर के रिश्तेदारों से फोन पर बातें करती हैं। मैच के बजाय टीवी सीरियल झेलने पड़ते हैं। शॉपिंग बैग्स उठाए घूमना पड़ता है। रजत, चौधरी और लिक्विड जैसे पुरुष इस दुनिया में ढेर सारे हैं जो इसी तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं।