रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi 2022) भगवान भोलेनाथ और श्रीविष्णु को समर्पित पर्व है। इस दिन भगवान के पूजन-ध्यान तथा निम्न प्रयोगों को अपना कर आप अपने जीवन में सुंदर संयोगों का निर्माण कर सकते हैं।
यहां पढ़ें 11 खास बातें...
1. एकादशी व्रत का पुण्य सूर्य ग्रहण में किए दान से भी कई गुना अधिक ज्यादा प्राप्त होता है। अत: रंगभरी एकादशी व्रत करके शिव-गौरा का पूजन करके उन्हें गुलाबी रंग अर्पित करना चाहिए।
2. एकादशी के दिन आंवले वृक्ष की नौ परिक्रमा करने तथा आंवले का सेवन करने से सौभाग्य और अच्छे स्वास्थ्य का संयोग बनता है।
3. इस दिन यदि भूल से किसी निंदक से बात हो जाए तो सूर्यदेव के दर्शन करके तथा श्रीहरि विष्णु का पूजन, धूप, दीप लगाकर क्षमा मांगना चाहिए।
4. एकादशी की रात्रि में श्री विष्णु जी के समक्ष नौ बत्तियों का दीपक जलाने से शिव-पार्वती तथा विष्णु-लक्ष्मी का अपार धन का आशीर्वाद मिलता हैं।
5. एकादशी पर पीपल वृक्ष में मीठाजल चढ़ाकर सायंकाल पीपल की जड़ में घी का दीया लगाना बहुत अच्छा माना जाता है।
6. रंगभरी एकादशी व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति, धन-धान्य एवं पुत्रादि की वृद्धि होती है।
7. इस दिन शिव-गौरा को गुलाल, गुलाबी रंग अर्पित करने से जीवन की आर्थिक समस्या दूर होती है।
8. इस दिन जुआ खेलना, शयन, निंदा या चुगली, चोरी, हिंसा, क्रोध, झूठ आदि कर्मों से दूर रहते हुए प्रसन्न रहकर भगवान के ध्यान में समय व्यतीत करना चाहिए।
9. एकादशी करने वालों के पितृगण नीच योनि से मुक्त होकर प्रसन्न होते हैं तथा इससे परमात्मा की प्रसन्नता भी प्राप्त होती है।
10. इस दिन सामर्थ्यनुसार अन्न, वस्त्र, पैसे का दान अवश्य करना चाहिए।
11. आज के दिन प्रफुल्लित मन से शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण तथा लक्ष्मी-नारायण के साथ होली खेलना चाहिए। उन्हें रंग, गुलाल अर्पित करके सर्वसुख की कामना तथा प्रार्थना करने से जीवन में शुभ संयोग का निर्माण होता है तथा जीवन के कष्ट दूर होते हैं।