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Last Updated : सोमवार, 31 अक्टूबर 2022 (19:07 IST)

4 November 2022 को मनाई जाएगी देवउठनी एकादशी, तुलसी पूजा के सबसे शुभ मुहूर्त और उपाय नोट कर लें

4 November 2022 को मनाई जाएगी देवउठनी एकादशी, तुलसी पूजा के सबसे शुभ मुहूर्त और उपाय नोट कर लें - Prabodhini ekadashi puja ka muhurat 2022
Prabodhini Ekadashi 2022 : कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी और प्रबोधिनी एकादशी कहते हैं। इस दिन माता तुलसी और शालिग्राम की विशेष पूजा करते हैं। इसी दिन श्रीहरि का चार माह का शयन काल समाप्त होता है। इसी दिन के बाद से मांगलिक कार्य विवाह आदि कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। आओ जानते हैं पूजा के शुभ मुहूर्त।
 
देव उठनी एकादशी पूजन के शुभ मुहूर्त | Dev Uthani Ekadashi Muhurat 2022:
 
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 03 नवम्बर 2022 को शाम 07:30 बजे।
एकादशी तिथि समाप्त- 04 नवम्बर 2022 को शाम 06:08 बजे।
 
एकादशी पारण समय : 5 नवम्बर को सुबह 06:36 से 08:47 के बीच।
Shubh Muhurta
तुलसी पूजा के शुभ मुहूर्त:-
 
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:42 से दोपहर 12:26 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 01:54 से 02:38 तक।
अमृत काल : शाम 04:24 से 05:58 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:34 से शाम 06:00 तक।
 
दिन का चौघड़िया :
लाभ : सुबह 07:57 से 09:20 तक।
अमृत : सुबह 09:20 से 10:42 तक।
शुभ : दोपहर 12:04 से 01:27 तक।
 
रात का चौघड़िया :
लाभ : रात्रि 08:49 से 10:27 तक।

तुलसी पूजा के दिन के उपाय :
 
1. भगवान विष्णु को तुलसीजी बहुत ही प्रिय हैं। कार्तिक मास में तुलसीजी का पूजा करने से विशेष पुण्य लाभ मिलता है और जीवन से सारे दुख-संकट दूर हो जाते हैं। 
 
2. शालिग्राम के साथ तुलसीजी की पूजा ऐसा करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है।
 
3. कार्तिक मास में तुलसीजी की पूजा करके इसके पौधे का दान करना श्रेष्ठ माना गया है। 
 
4. कार्तिक माह में तुलसी के पौधे को हर गुरुवार को कच्चे दूध से सींचना चाहिए। इससे माता तुलसी प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं।
 
5. कार्तिक महीने में प्रतिदिन शाम को तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाकर रखना चाहिए। इसे पुण्य की प्राप्ति होती है और घर में सुख शांति बनी रहती है।
 
6. कार्तिक में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर तुलसी को जल चढ़ाने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
 
7. तुलसी की पूजा और इसके सेवन से हर तरके रोग और शोक मिट जाते हैं और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
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