शुक्रवार, 27 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. नवरात्रि
  3. दुर्गा मंदिर
  4. Significance of Devi Kanyakumari Temple
Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 26 सितम्बर 2024 (12:48 IST)

तीन समुद्रों के संगम पर बसे शक्तिपीठ कुमारी अम्मन मंदिर के रहस्य जान कर चौक जाएंगे आप

जानिए भारत के दक्षिणी छोर पर स्थित शक्ति और सौंदर्य के संगम अम्मन मंदिर की विशेषताएं और महत्व

Amman Temple Kanyakumari
Amman Temple Kanyakumari
 
Bhagavathy Amman Temple Kanyakumari : अम्मन मंदिर कन्याकुमारी भारत के तमिल नाडु राज्य में स्थित एक प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है। यह मंदिर देवी पार्वती को समर्पित है, जिन्हें यहाँ कुमारी अम्मन के रूप में पूजा जाता है। मंदिर का निर्माण तीनों समुद्रों - हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के संगम स्थल पर किया गया है

मंदिर की विशेषता है इसका पूर्वी प्रवेश द्वार, जो हमेशा बंद रहता है। ऐसा माना जाता है कि यदि यह द्वार खुला रहे, तो देवी की शक्ति इतनी अधिक होगी कि वह समुद्र को पार कर जाएगी।
भक्तगण मंदिर में प्रवेश करने से पहले त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाते हैं, जो मंदिर के बाई ओर 500 मीटर की दूरी पर है।

अम्मन मंदिर कन्याकुमारी के बारे में प्रसिद्ध बातें:
1. तीन समुद्रों का संगम: यह मंदिर हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के संगम स्थल पर स्थित है।
2. देवी कुमारी अम्मन: यह मंदिर देवी पार्वती को समर्पित है, जिन्हें यहाँ कुमारी अम्मन के रूप में पूजा जाता है।
3. पूर्वी प्रवेश द्वार: मंदिर का पूर्वी प्रवेश द्वार हमेशा बंद रहता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यदि यह द्वार खुला रहे, तो देवी की शक्ति इतनी अधिक होगी कि वह समुद्र को पार कर जाएगी।
4. त्रिवेणी संगम: भक्तगण मंदिर में प्रवेश करने से पहले त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाते हैं, जो मंदिर के बाई ओर 500 मीटर की दूरी पर है।
5. सूर्योदय और सूर्यास्त: यहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही मनोरम होता है।
6. विशाल मूर्तियाँ: मंदिर के बाहर देवी कुमारी अम्मन की विशाल मूर्ति स्थापित है।
7. पूजा और अनुष्ठान: यहाँ विभिन्न पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं - अभिषेकम, अलंकारम, और अर्चना।
8. त्योहार: यहाँ विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं - चैत्र नवरात्रि, आश्विन नवरात्रि, और विजयदशमी।
9. ऐतिहासिक महत्व: यह मंदिर ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहाँ प्राचीन काल से ही देवी पूजा की जाती रही है।
10. स्थापत्य: मंदिर का स्थापत्य दक्षिण भारतीय शैली में बना हुआ है, जो बहुत ही आकर्षक और अद्वितीय है।

अम्मन मंदिर की पौराणिक कथा: मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा बताती है कि यहाँ एक देवी या देवता की मूर्ति स्थापित है, जो स्वयं प्रकट हुई थी। कहा जाता है कि यह मूर्ति किसी देवता की कृपा से स्थापित हुई और उसकी पूजा से ही मंदिर की शक्ति बढ़ती गई। यह भी मान्यता है कि यहाँ किसी राजा या संत ने तपस्या की थी, जिसके कारण यहाँ की भूमि विशेष मानी जाती है।

क्या है रहस्यमय तत्व: चमत्कारी घटनाएँ: कहा जाता है कि अम्मान मंदिर में कई चमत्कारी घटनाएँ होती हैं। लोग यहाँ आकर चमत्कारिक रूप से स्वस्थ हो जाते हैं या उनकी मनोकामनाएँ पूरी हो जाती हैं। मंदिर का इतिहास प्राचीन और धार्मिक महत्व से जुड़ा हो सकता है। यह मान्यता है कि यहाँ देवताओं या शक्तिशाली आत्माओं की उपस्थिति होती है। मंदिर के चारों ओर रहस्यमय ऊर्जा का अनुभव किया जाता है। इसे शक्ति स्थल माना जाता है, और माना जाता है कि यहां कुछ अदृश्य शक्तियाँ कार्य करती हैं।

अप्राकृतिक घटनाएँ: कुछ लोग बताते हैं कि यहाँ रात के समय असामान्य घटनाएँ होती हैं। मंदिर में अचानक से ध्वनियाँ सुनाई देती हैं या प्रकाश दिखाई देता है, जिसे वैज्ञानिक रूप से समझाना मुश्किल है।

विज्ञान और तर्क: आधुनिक विज्ञान के नजरिए से अम्मान मंदिर के रहस्यों को समझाने की कोशिश की गई है। कुछ लोग इसे ऊर्जा क्षेत्र मानते हैं, जहाँ पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का प्रभाव होता है। कुछ वैज्ञानिक और शोधकर्ता इसे मनोवैज्ञानिक प्रभाव मानते हैं, जहाँ लोगों की आस्था और विश्वास उन्हें चमत्कारी अनुभव करने में मदद करती है।

धार्मिक आस्था और श्रद्धालु: अम्मान मंदिर से जुड़े रहस्यों को लेकर लोगों में गहरी धार्मिक आस्था है। यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जो मंदिर की चमत्कारी शक्तियों में विश्वास रखते हैं। मंदिर की पूजा विधियाँ और अनुष्ठान भी रहस्यमय होते हैं, जिन्हें श्रद्धालु अनुकरण करते हैं। अम्मान मंदिर का रहस्य धार्मिक आस्था, पौराणिक कथाओं और रहस्यमय घटनाओं का संगम है। श्रद्धालु इसे चमत्कारी मानते हैं, जबकि वैज्ञानिक इसे भिन्न नजरिए से देखते हैं।

अम्मन मंदिर के अलावा कन्याकुमारी के प्रमुख दर्शनीय स्थल
  • गांधी स्मारक: यह स्मारक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित है।
  • तिरुवल्लुवर मूर्ति: यह प्रतिमा तमिल कवि तिरूवल्लुवर को समर्पित है।
  • विवेकानन्द स्मारक शिला: यह स्मारक स्वामी विवेकानन्द को समर्पित है।
  • सुचीन्द्रम: यह छोटा-सा गांव कन्याकुमारी से लगभग 12 किमी दूर स्थित है, जहाँ का थानुमलायन मंदिर काफी प्रसिद्ध है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
 



 



 

 
ये भी पढ़ें
Shardiya navratri 2024 date: शारदीय नवरात्रि कब से शुरू होगी, 3 या 4 अक्टूबर? तिथियों को लेकर करें कन्फ्यूजन दूर