COVID-19 मरीजों को एवैस्कुलर नेक्रोसिस बीमारी ने जकड़ा, लक्षणों को नहीं करें नजरअंदाज
कोरोना वायरस के लगातार म्यूटेंट होने से हर दिन नई समस्या उत्पन्न हो रही है। लगातार नई बीमारियों का खतरा दस्तक दे रहा है, बीमारियां इस कदर की आमजन की अब जेब खाली सी हो गई है। कोविड-19 से ठीक होने के बाद म्यूकरमाइकोसिस बीमारी ने कई सारे लोगों को अपनी जद में ले लिया, लेकिन अब एक और नई बीमारी सामने आई है। इस बीमारी का नाम है एवैस्कुलर नेक्रोसिस यानी बोन डेथ।
आइए जानते हैं क्या है यह बीमारी, इसके लक्षण और किन्हें है इस बीमारी से खतरा
क्या है एवैस्कुलर नेक्रोसिस?
एवैस्कुलर नेक्रोसिस हड्डियों से संबंधित गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में हड्डियों के टिश्यू मरने लगते हैं, जिसके बाद हड्डियां गलने लग जाती है।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ब्लड सर्कुलेशन में समस्या आने लग जाती है, ब्लड बराबर तरीके से टिश्यू तक नहीं पहुंच पाता है। धीरे-धीरे यह समस्या घर करने लगती है।
एवैस्कुलर नेक्रोसिस के लक्षण
-चलने में समस्या होना, लचक आना
-जांघ की हड्डियों में लगातार दर्द होना
-दिन-रात लगातार दर्द बना रहना
-लगातार कंधे, घुटने, हाथ पैरों में दर्द बने रहना
किन्हें हैं इस बीमारी से अधिक खतरा
विशेषज्ञों के मुताबिक इस बीमारी का खतरा 30 साल से 60 साल तक के लोगों को अधिक खतरा है। इस बीमारी में कूल्हे की हड्डी में अचानक और अधिक दर्द होता है। अगर आपको कोविड हुआ और इस प्रकार का दर्द रहता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इस बीमारी के होने की वजह
म्यूकरमाइकोसिस की तरह एवैस्कुलर नेक्रोसिस भी एक दुर्लभ बीमारी है। हाल में इस पर से संबंधित अध्ययन मेडिकल जर्नल बीएमजे केस स्टडी में प्रकाशित हुआ। हिंदुजा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ संजय अग्रवाल ने एवैस्कुलर नेक्रोसिस यानी बोन डेथ को लॉन्ग कोविड का हिस्सा बताया है। प्रकाशित जर्नल में कहा कि,'बड़े पैमाने पर जीवन रक्षक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया गया है, जिसके चलते मामलों में बढ़ोतरी होगी'।