धनतेरस पर धनिया क्यों खरीदना चाहिए
दीपावली के पांच दिनी उत्सव में पहला दिन धनतेरस का होता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, यमराज, कुबेर, लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा होती है। आओ जानते हैं कि इस दिन साबुत धनिया क्यों खरीदते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस पर पीली वस्तुएं खरीदना चाहिए। जैसे सोना, पीतल के बर्तन या धनिया। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन सोना नहीं खरीद सकते हैं तो पीतल का बर्तन खरीदें। यह दोनों वस्तुएं नहीं खरीद सकते हैं तो धनिया खरीदें। हालांकि ऐसा कम ही लोग मानते हैं। धनिया खरीदने के और भी कारण है।
खास कारण : खासकर धनिया (खड़ा धनिया) खरीदना बहुत ही शुभ होता है। इस दिन जहां ग्रामीण क्षेत्रों में धनिए के नए बीज खरीदते हैं वहीं शहरी क्षेत्र में पूजा के लिए साबुत धनिया खरीदते हैं। इस दिन सूखे धनिया के बीज को पीसकर गुड़ के साथ मिलकर एक मिश्रण बनाकर 'नैवेद्य' तैयार करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से धन का नुकसान नहीं होता है। धनिया को संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए धनतेरस को थोड़ी सी धनिया जरूर खरीदें।
किवदंति अनुसार ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को धनिया अर्पित करने और भगवान धनवंतरि के चरणों में धनिया चढ़ाने के बाद उनसे प्रार्थना करने से मेहनत का फल मिलता है और व्यक्ति तरक्की करता है। पूजा के बाद आप धनिया का प्रसाद बनता है जिसे सब लोगों के बीच वितरित किया जाता है।
अन्य वस्तुएं : धनतेरस पर झाड़ू, पीली कौड़ियां या हल्दी की गांठ भी खरीदे सकते हैं। धनतेरस के दिन आप कौड़ीयां खरीदें और यदि वे पीली ना हो तो उन्हें हल्दी के घोल में पीला कर लें। बाद में इनकी पूजा कर अपनी तिजोरी में रखें। इसके अलावा धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त देखकर बाजार से गांठ वाली पीली हल्दी अथवा काली हल्दी को घर लाएं। इस हल्दी को कोरे कपड़े पर रखकर स्थापित करें तथा षडोशपचार से पूजन करें। यह धन समृद्धि बढ़ाने वाला उपाय माना जाता है।