सत्ता मिली तो सकारात्मक काम-हर्षवर्धन
-वेबदुनिया/एजेंसी
नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजय गोयल से अलग रुख अख्तियार करते हुए पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हर्षवर्धन ने स्पष्ट किया कि अगर विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा सत्ता में आती है तब वे शीला दीक्षित के शासन के दौरान राष्ट्रमंडल खेल घोटाला और भ्रष्टाचार के अन्य मामलों की जांच का आदेश नहीं देंगे।हर्षवर्धन ने कहा कि वे अतीत में झांकने और घोटालों की जांच करने की बजाय अपनी ऊर्जा दिल्ली को आधुनिक शहर बनाने में लगाएंगे। उन्होंने ने कहा कि मेरे मन में काफी स्पष्ट तस्वीर है कि शहर के भविष्य के लिए क्या करना है। हम इन घोटालों का क्या करेंगे, अगर हम इसमें पड़ते हैं तब हम दिशा खो देंगे। मैं सकारात्मक चीजें करना चाहता हूं।इससे पहले गोयल ने घोषणा की थी कि अगर भाजपा सत्ता में आई तब शीला दीक्षित के शासनकाल के दौरान राष्ट्रमंडल खेल घोटाला समेत कथित भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं की जांच की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि विभिन्न कथित घोटालों की जांच के लिए जवाबदेही आयोग गठित किया जाएगा। टिकट में संघ की भूमिका नहीं : हर्षवर्धन ने दावा किया है कि टिकट बंटवारे में संघ की कोई भूमिका नहीं है। यह पूछे जाने पर कि उम्मीदवारों की घोषणा कब तक होगी तो हर्षवर्धन ने कहा कि इसका फैसला प्रदेश प्रभारी नितिन गडकरी करेंगे।लेकिन, सूत्रों ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में चहेतों के टिकट देने के मुद्दे पर सहमति न बन पाने के कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की सूची तय नहीं हो पाई। दूसरी ओर हर्षवर्धन ने भले ही इस बात को नकारा हो, लेकिन भाजपा की राजनीति में आरएसएस की दखल के बारे में सभी जानते हैं।