बसों व नुक्कड़ों में हुआ राजनीतिक पारा गर्म
श्रवण शुक्ल, नई दिल्ली से
दिल्ली विधानसभा चुनाव के करीब आते-आते जनता में भी चुनावी रंग चढ़ना शुरू हो गया है। आलम यह है कि बसों व नुक्कड़ों में राजनीतिक पारा इतना गर्म हो चुका है कि जनता टीवी स्टाइल में आपस में तर्क कर रही हैं। बसों व मोहल्लों के नुक्कड़ों में शाम होते ही राजनीतिक परिचर्चा का दौर शुरू हो जाता है। बहस व तर्क का अंदाज यह होता है कि अपनी-अपनी पंसदीदा पार्टी की विचारधारा व उसकी घोषणाओं को लेकर जनता एक-दूसरे को सहमत करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही। रविवार की शाम को बस में शुरू हुई इस परिचर्चा को लेकर एक सज्जन आम आदमी पार्टी का समर्थन करते हुए कहते हैं कि अगर हमसे 100 रुपए का सरकारी नुकसान हमसे हो जाता है तो पुलिस वाले हमसे पूरा पैसा वसूल लेते है परन्तु लालू व कलमाडी से आज तक आखिर पैसे नहीं वसूले गए। क्या हम अपने ही देश में पराए हैं? सज्जन कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल ठीक लड़ाई लड़ रहे हैं।वहीं दुसरे सज्जन कांग्रेस का समर्थन करते हुए कहते है कि जहां काम होगा वहीं आरोप भी लगते हैं। दिल्ली को जिस तरह कांग्रेस ने संवारा है वो किसी भी पार्टी की बस की बात नहीं हैं। एक सज्जन इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते है कि यह कांग्रेस का विकास नहीं है यह तो गरीबों को दिल्ली से बाहर निकालने की साजिश है। सज्जन भाजपा के समर्थन में कहते है कि भाजपा ने ही दिल्ली के विकास की नींव रखी थी जिस पर कांग्रेस सिर्फ राजनीति कर रही है।