वेद ऋचाओं से कैंसर पर काबू
क्या आई-पॉड आपका ब्लडप्रेशर या वजन कम कर सकता है, या फिर आप दर्द से कराह रहे हैं तो उसे कम कर सकता है? तो जवाब है, हाँ। इसमें वेद ऋचाएँ भरवा लें तो कहने ही क्या।एक अध्ययन आयुर्वेदाचार्य प्रतिमा रायचुर ने किया है, जो वेद और कैंसर से संबंधित है। वेद की ऋचाएँ भी कैंसर के मरीज का जीवन कुछ समय और बढ़ाने में सहायक हो सकती हैं। इस तरह के कई प्रयोग कर चुकीं एनी क्रीमर के मुताबिक उपचार का एक और सबसे बेहतर क्षेत्र है संगीत। अमेरिकन म्यूजिक थैरेपी एसोसिएशन के स्वास्थ्य संबंधी अनेक कार्यक्रम प्रशिक्षित लोगों ने तैयार किए हैं। ये दर्द, तनाव से राहत आदि के लिए हैं। इनसे मानव के शारीरिक, भावनात्मक और समूचे स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है। 1994 से ये बाकायदा वहाँ मेडिकेयर में बतौर उपचार शामिल हैं। संगीत और कैंसर : भारत की आयुर्वेदाचार्य प्रतिमा रायचुर ने ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में एक अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि वेदों की ऋचाओं के उच्चारण से कैंसर की कोशिकाओं की वृद्धि धीमी पड़ जाती है। इसका प्रयोग चूहों पर करके देखा गया। इस तरह के मरीजों को कीमोथैरेपी के भारी डोज दिए जाते हैं, साथ ही ऑटोलोगस स्टेम सेल प्रत्यारोपण भी होता है। परंतु प्रशिक्षित म्यूजिक थैरेपिस्ट ने पाया कि संगीत से इन मरीजों की उद्विग्नता को कम किया जा सकता है।पिता पर किया था प्रयोग : प्रतिमा कहती हैं कि मैंने अपने पिता पर यह प्रयोग किया था। मेरे पिता को मायलोमा था। यह एक तरह का अस्थि मज्जा कैंसर होता है। तब मैंने तय किया कि उन्हें उनकी पसंद का संगीत सुनाऊँगी। मैंने तब म्यूजिक थैरेपी के बारे में सुना ही था।संगीत और वजन कम करना : फरलेह डिकिन्सन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ सायकोलॉजी के निदेशक क्रिस्टोफर केपुआनो का कहना है कि मोटे लोगों के लिए व्यायाम करना मुश्किल हो सकता है, परंतु किसी धुन पर किसी आदमी को चलने को कहा जाए, तो वह गति कम-ज्यादा कर सकता है। इसके लिए उन्होंने एक प्रयोग किया। कुछ महिलाओं को जेब में आ जाने वाला सीडी प्लेयर दिया और उस पर चलने को कहा। कुछ महिलाएँ नहीं चलीं। परंतु जो चलीं, उनका वजन सप्ताह भर में कम होता नजर आया। दर्द का इलाज भी है संगीत : कहा जाता है कि दर्द से संगीत उपजता है और दर्द का इलाज भी संगीत में है, परंतु यह दिल के दर्द की बात नहीं। केनयॉन रेंच स्पा के चिकित्सा निदेशक डॉ. मार्क लिपोनिस का कहना है कि उन्होंने ऐसे लोगों को भी संगीत सुनने के बाद प्रसन्न देखा, जो हड्डी टूटने के दर्द से पीड़ित थे। संगीत और रक्तचाप : हॉर्वर्ड मेडिकल स्कूल में मार्क जूड ट्रेमो संगीतकार और न्यूरोसाइंटिस्ट हैं। वे शोध कर रहे हैं कि संगीत विज्ञान किस तरह से मनुष्य का मनोरंजन करता है। वे कहते हैं कि कसरत करने से दिल की माँसपेशियाँ सक्रिय नहीं होती हैं, लेकिन संगीत सुनने से रोम-रोम फड़क उठता है। (नईदुनिया)