28 सितंबर 2014 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका में जबरदस्त भाषण का राज़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण रही और इसकी देश विदेश में काफी चर्चा रही। अमेरिकी यात्रा के दौरान मोदी के भाषण पर सभी की निगाहें थीं और जब मोदी ने भाषण दिया तो उनकी तारीफ की गई। आखिर मोदी अमेरिका में प्रभावी भाषण क्यों दे पाए? इस सवाल का जवाब जानने के लिए चलिए प्रबंधन मंत्र और क्षेत्र के अनुसार एक बार दोबारा मोदी के भाषण और यात्रा पर एक नजर डालते हैं।
1. समय : न्यूयॉर्क में दोपहर 12 बजे का समय जो एक घंटे के भाषण के माध्यम से भारत और प्रवासी भारतीयों के वैश्विक दर्शकों तक अपनी बात पहुंचाने का संभवत: सबसे बेहतर समय था। यह शिकागो में सुबह 11 बजे, कैलिफोर्निया में सुबह 9 बजे, लंदन में शाम 5 बजे, दुबई में रात 8 बजे और भारत में रात 9:30 का समय था। इसके चलते इस भाषण को दुनियाभर के भारतीय मूल के दर्शकों तक लाइव देखा गया। यदि इसमें कुछ घंटे की देरी की जाती तो शायद भारत के अधिकांश दर्शक सो चुके होते। इस लिहाज से इस भाषण का समय बेहद सटीक रहा!
2. व्यक्तिगत टच : मैनहेट्टन में आने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी ने अपने समर्थकों के नजदीक जाने का कोई अवसर नहीं गंवाया। ताज पीयर डिनर के दौरान भव्य स्टेज और पेशेवर फोटोग्राफरों की मदद से यहां मौजूद 600 से अधिक व्यक्तियों को प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक फोटो क्लिक करने का मौका मिला। ये लोग दुनियाभर से आए नेता थे और अब तक यह फोटो उनके ऑफिस के टेबलों और घर की दीवारों पर सजा होगा।
3. माध्यम : एक गोलाकार कॉन्सर्ट हॉल में लगातार एक घंटे तक भाषण देना बेहद मुश्किल कार्य है। ऐसे में मौजूद सभी दर्शकों को संबोधित करने के लिए एक घूमते हुए पोडियम की सहायता से अपना संदेश देना एक अद्भुत तरीका था। जिस तरीके से इस सारी व्यवस्था को सुसज्जित किया गया था वह तारीफे काबिल था। ऐसे स्थान पर भाषण देना जहां सारी जनता के हाथ में स्मार्टफोन हो, तो आमतौर पर शोर-शराबा और कैमरों की चकाचौंध की उम्मीद की जाती है लेकिन इसके उलट यहां दर्शकों ने मोदी के भाषण को खामोशी से सुना। पीएम मोदी अपने अनोखे अंदाज में जनता को संबोधित कर रहे थे।
4. ..और संदेश : अपने श्रोताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के मामले में पीएम मोदी लाजवाब प्रतिभा के धनी हैं। और जिस अंदाज से वे हिंदी के साधारण शब्दों का प्रयोग करते हैं उससे उनके संदेश में और अधिक प्रभाव उत्पन्न हो जाता है। यूनाइटेड स्टेट्स में व्हाइट हाऊस में कांग्रेसमेन के बीच मीटिंग्स में और सेंट्रल पार्क में वर्ल्ड सिटीजन फेस्टिवल के दौरान युवा जनता और हॉलीवुड स्टार ह्यू जैकमेन के साथ मंच साझा करने के दौरान उन्होंने सहज रूप से अंग्रेजी में अपना संदेश दिया।
न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन में मोदी की अधिकांश मीटिंग्स उनके भाषण के बाद आयोजित की गई थी, लिहाजा अमेरिकी ऑफिशियल्स को मीटिंग से पहले उनकी शक्ति और प्रभाव का अंदाजा हो गया था।
5. नवरात्रि उपवास : मोदी ने योग और इसके असाधारण लाभों के बारे में बात की और शरीर से अधिक मन पर बल देने की भारतीय संस्कृति की बात की। यात्रा के दौरान उन्होंने उपवास रखे और इस दौरान वे काफी सहज भी नजर आए। लजीज व्यंजनों की दावतों को छोड़ मोदी द्वारा केवल जल ग्रहण करने से दुनियाभर के लोगों का ध्यान उनकी ओर आकर्षित हो गया।
6. मौसम : सितंबर माह के अंत में न्यूयॉर्क का मौसम काफी हद तक अप्रत्याशित रहता है। कभी-कभी इस दौरान बारिश और आंधियों का मौसम रहता है। बहरहाल इस दिन मौसम साफ था और पिछले 20 दिनों के मुकाबले मौसम अधिक गर्म यानि तकरीबन 84 फेरनहीट था। इस अच्छे मौसम के कारण दर्शक आसानी और सहजता के साथ भाषण सुनने के लिए उपस्थित हुए।
7. संदेश से दर्शकों में उत्पन्न आस : बेशक, मोदी के भाषण और संदेश बेहद प्रभावकारक रहे! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता को उम्मीद की नई किरणें दी हैं। उनके संदेशों को देखकर प्रतीत होता है कि वे तन, मन और आत्मा से देश के लिए समर्पित हैं। कहते हैं कि उम्मीद पर दुनिया कायम है़, और पीएम मोदी ने भारतीय समाज में ऐसी ही कुछ सकारात्मक उम्मीदें जगाई हैं। बहरहाल सबकुछ तो केवल समय ही बताएगा।