लोग कहते हैं कि जाँच बिठा दी है, तो सदन में हंगामा मचाने की क्या जरूरत? ये भी कोई बात हुई भला! कमीशन बैठाने वाले और हंगामा करने वाले सब जानते हैं कि इसका कोई मतलब नहीं। वैसे भी अब ये मुद्दा प्रदेश और राष्ट्र हित का है, और अभी जो विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़े हैं और प्रदेश के खजाने पर 6.63 करोड़ का अतिरिक्त भार आया है, वो इसलिए थोड़ी आया है कि ये सब विधायक सदन चलाएँ। उनको तो सदन की कार्रवाई स्थगित करनी थी, सो कर दी। अपना क्या अपन भी चलें किसी पान की दुकान पर, और भ्रष्टाचार पर खुलकर बात करें...।
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