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Last Updated : सोमवार, 8 जुलाई 2019 (15:28 IST)

वर्ल्ड कप 2019 का पहला सेमीफाइनल : पहली बार आमने-सामने होंगे भारत और न्यूजीलैंड

वर्ल्ड कप 2019 का पहला सेमीफाइनल : पहली बार आमने-सामने होंगे भारत और न्यूजीलैंड - World Cup 2019 India vs New Zealand
मैनचेस्टर। करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों का भार लिए विराट एंड कंपनी मंगलवार को आईसीसी विश्वकप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खिताबी मुकाबले का टिकट हासिल करने के लक्ष्य के साथ उतरेगी।
 
दो बार की चैंपियन भारतीय टीम विश्वकप के इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड से भिड़ेगी जबकि दूसरे सेमीफाइनल में क्रिकेट इतिहास के दो सबसे प्रबल प्रतिद्वंद्वियों ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मुकाबला होगा।
 
भारत विराट की कप्तानी में पहली बार आईसीसी विश्वकप में उतर रहा है और उसका प्रदर्शन लाजवाब रहा है। ग्रुप चरण में टीम ने केवल एक मैच हारा था और वह आखिरी ग्रुप मैच में श्रीलंका पर 7 विकेट की जीत और दक्षिण अफ्रीका की ऑस्ट्रेलिया पर 10 रन की रोमांचक जीत के चलते तालिका में शीर्ष स्थान पर रहा है।
 
आईसीसी वनडे रैंकिंग में भी भारतीय टीम शीर्ष पर है और उसकी मौजूदा फार्म को देखते हुए उम्मीद है कि विराट एंड कंपनी विश्वकप-2019 में चैंपियन बनकर लौटेगी। 
 
यह 12वां विश्वकप है और यह पहला मौका है जब भारतीय टीम सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से खेलेगी। भारत का इस विश्वकप में लीग दौर में न्यूजीलैंड के साथ मुकाबला बारिश के कारण धुल गया था इस तरह दोनों टीमें मैदान पर पहली बार आमने-सामने होंगी और मुकाबला भी सेमीफाइनल का होगा।
 
भारत विश्वकप के सेमीफाइनल में सातवीं बार पहुंचा है जबकि न्यूजीलैंड की टीम आठवीं बार सेमीफाइनल में पहुंची है। केन विलियम्सन की कप्तानी में न्यूजीलैंड टीम ने भी विश्वकप अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन एक समय ग्रुप चरण में शीर्ष पर रहने के बाद वह पटरी से उतर लय खो बैठी। अंतत: उसने चौथे नंबर पर रहकर 11 अंकों के साथ उसने अंतिम चार में जगह बनाई। टीम के लिए राहत की बात रही कि पाकिस्तानी टीम उससे रनरेट में पिछड़ गई जिसके उसी के समान 11 अंक थे।
 
भारतीय टीम ने अपने ग्रुप चरण में हरफनमौला खेल दिखाया है और मौजूदा फार्म को देखते हुए उसका पलड़ा कीवी टीम पर भारी कहा जा सकता है, लेकिन दोनों टीमें विश्वकप में पहली बार एक-दूसरे से भिड़ रही हैं ऐसे में ओल्ड ट्रेफर्ड में होने वाले इस मुकाबले में किसी को कम नहीं आंका जा सकता है। 
 
टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत रूप से टूर्नामेंट में बढ़िया प्रदर्शन किया है जबकि बतौर टीम एकजुट होकर वह सबसे मजबूत मानी जाती है। हालांकि नंबर चार के क्रम को लेकर उसे विश्वकप में भी काफी परेशानी हुई, वहीं मध्यक्रम में उसे थोड़ी और सावधानी बरतनी होगी। टीम के बड़े स्कोररों में उसके ओपनर रोहित शर्मा और विराट कोहली की जोड़ी है।
 
रोहित ने 8 मैचों में 92.42 के औसत से 5 शतक सहित 647 रन बनाए हैं और एक विश्वकप में सर्वाधिक शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज़ भी बन गए हैं जबकि उनके जोड़ीदार विराट आठ मैचों में 5 अर्धशतक लगाकर 442 रन बनाकर दूसरे शीर्ष स्कोरर हैं।
 
यह कहना गलत नहीं होगा कि टीम इंडिया रनों के लिहाज़ से इन दोनों बल्लेबाज़ों पर काफी निर्भर है। इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी की फार्म भी कुछ परेशानी भरी रही है जिन्होंने निचले क्रम पर धीमी बल्लेबाज़ी की। हालांकि अहम मौकों पर धोनी हमेशा कारगर साबित हुए हैं। उन्होंने अपने 8 मैचों में नाबाद 56 रन के एकमात्र अर्द्धशतक सहित 223 रन बनाए हैं।
 
लोकेश राहुल टीम के अन्य अहम स्कोरर हैं जिन्होंने 51.42 के औसत से 360 रन बनाए हैं और अन्य उपयोगी स्कोररों में हैं, लेकिन उनके प्रदर्शन में भी कई बार निरंतरता का अभाव दिखता है। वर्ष 2015 विश्वकप की उपविजेता भारतीय टीम को अपनी इन खामियों को दूर करते हुये अगले अहम मुकाबले में उतरना होगा।
 
भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम में कई अहम स्कोरर हैं और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या भी इनमें से एक हैं। पांड्या आक्रामक बल्लेबाज़ हैं लेकिन नाजुक स्थिति में उनसे संयमित पारी की उम्मीद रहेगी, अपने आठ ग्रुप चरण के मैचों में उन्होंने 194 रनों से योगदान दिया है जिसमें 48 रन उनकी सबसे बड़ी पारी है।
 
गेंदबाज़ी में भी पांड्या का अहम योगदान रहा है और उन्होंने 5.68 के इकॉनॉमी रेट से 9 विकेट निकाले हैं। टीम की बड़ी ताकत उसका गेंदबाज़ी क्रम है जिसकी अगुवाई जसप्रीत बुमराह के हाथों में दिखती है। तेज़ गेंदबाज़ ने अब तक टीम के लिए कमाल का प्रदर्शन करते हुये 4.48 के इकॉनॉमी रेट से 17 विकेट निकाले हैं और टीम के सबसे सफल गेंदबाज़ भी हैं। श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 10 ओवर में 37 रन पर तीन विकेट निकाले थे। डैथ ओवरों में बुमराह को सबसे खतरनाक माना जाता है।
 
हालांकि जिस गेंदबाज़ ने अपने प्रदर्शन से चौंकाया है वे मोहम्मद शमी हैं। अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ ने मात्र चार मैचों में ही 14 विकेट निकाले हैं। शमी को आखिरी ग्रुप मैच में श्रीलंका के खिलाफ आराम दिया गया था और उनकी मौजूदा फार्म को देखते हुए उम्मीद है कि टीम प्रबंधन महत्वपूर्ण सेमीफाइनल मैच में शमी से इसी करिश्मे की उम्मीद करेगा।
 
न्यूजीलैंड की टीम भी यदि अपने तेज़ गेंदबाज़ों के भरोसे उतरेगा तो ट्रेंट बोल्ट (15 विकेट) और फिट हो चुके तेज़ गेंदबाज़ लॉकी फग्यूर्सन (17 विकेट) अहम होंगे जिनके निशाने पर भारत के शीर्ष तीन बल्लेबाज़ होंगे। हालांकि कीवी टीम को भारत जैसी मजबूत टीम का सामना करने के लिये व्यापक सुधार की जरूरत होगी जिसने आखिरी तीन ग्रुप मैचों में पाकिस्तान, गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के हाथों शिकस्त झेली है।
 
कीवी टीम रनों के लिए भी अपने कप्तान विलियम्सन पर सबसे अधिक निर्भर दिखती है जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज़ के खिलाफ शतकीय पारियां खेलीं और 481 रनों के साथ टीम के शीर्ष स्कोरर हैं। विलियम्सन को छोड़ दें तो कीवी टीम की बल्लेबाज़ी काफी कमजोर है और रॉस टेलर (261 रन) तथा जेम्स नीशम (201 रन) ही अन्य शीर्ष स्कोरर हैं। 
 
कीवी टीम का शीर्ष क्रम विलियम्सन को छोड़कर मजबूत नहीं दिखता है और उसने पावरप्ले में 13 विकेट गंवाए हैं जो किसी टीम का काफी खराब रिकॉर्ड है। ऐसे में कीवी टीम के लिए भारत जैसी मजबूत टीम को पराजित करना निश्चित ही बड़ी चुनौती होगा। (वार्ता)
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