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Last Modified: गुरुवार, 7 जुलाई 2022 (14:56 IST)

Happy Birthday Dhoni - पढ़िए धोनी की 5 बातें जो युवाओं को सीखना चाहिए

Happy Birthday Dhoni -  पढ़िए धोनी की 5 बातें जो युवाओं को सीखना चाहिए Read 5 things of Dhoni that youth should learn - Read 5 things of Dhoni that youth should learn
- अथर्व पंवार
 
महेंद्र सिंह धोनी, एक ऐसा नाम जिसने भारत के क्रिकेट को नई उंचाइयों तक पहुंचाया था। उनके मैदान में आने का इन्तेजार दर्शक बेताबी से करते थे और उनके मैदान में कदम रखते ही पूरा वातावरण 'धोनी-धोनी' से गूंज उठता था। वह एक ऐसे खिलाडी हैं जिनको अपने जीवन में हर कोई आदर्श और प्रेरणा स्त्रोत मानता है। विशेषकर युवाओं में उनकी अलग ही दीवानगी है। 7 जुलाई को हमारे फेवरेट पर्सनालिटी धोनी का जन्मदिन रहता है। सातवे महीने की साथ तारीख को जन्मदिन होने के कारण ही उन्होंने अपनी जर्सी का नंबर भी '7' चुना था। ऐसे में आइए जानते हैं धोनी के जीवन से ऐसी 5 बातें जो युवाओं को अपने जीवन में उतारनी चाहिए।
 
1 जैसा कि हमें मालूम है कि धोनी कैप्टेन कूल के नाम से जाने जाते हैं। हमने देखा है कि कितनी भी टफ सिचुएशन ही क्यों न आ जाए। यह हमेशा शांत ही दिखते हैं। युवाओं को धोनी की यह आदत सीखना चाहिए कि "चाहे कितनी भी कठिन परिस्थितियां आ जाएं चाहे आपको धैर्य रखकर शांति से उस बाधा को पार करना चाहिए"।
 
2 फील्ड और बाहरी जीवन में हम देखते हैं कि धोनी ज्यादा किसी से बात नहीं करते हैं। जितना आवश्यक होता है उतना ही संवाद करते हैं। फील्ड पर भी जीत-हार के बाद या विषम परिस्थितियों से बाद वह किसी भी तरह की तीव्र प्रतिक्रिया नहीं देते हैं। ऐसे में युवाओं को इंडिया टीम के पूर्व कप्तान से सीखना चाहिए कि "करो ज्यादा बोलो कम"।
 
3 हम देखते हैं कि धोनी आज भी इतने फिट है। वह अपने से दस साल छोटे खिलाडियों को भी फिटनेस के मामले में पीछे छोड़ देते हैं। आज भी कई दूसरे खेलों के खिलाड़ी भी उन्हें आदर्श मानते हैं। धोनी कि उर्जा से युवा भी प्रोत्साहित होते हैं। ऐसे में धोनी से सीखना चाहिए कि "हमेशा अपने आप को युवा रखो"।
 
4 धोनी के प्रारंभिक जीवन को हमने फिल्म के और अन्य स्थानों से पढकर जाना है, वह पहले खड़गपुर स्टेशन पर कार्य करते थे। इससे उनका खेल और जीवन मझधार में पड रहा था। उन्होंने सोचा , समझा और अपने जीवन का जोखिम लेकर आगे बढे। अगर वह ऐसा नही करते तो हमें किसी स्टेशन पर धोनी नाम का व्यक्ति टिकिट चेक करते तो मिल जाता पर छक्का मारकर वर्ल्ड कप जीतने वाला धोनी नहीं मिल पाता। युवाओं को इस प्रसंग से सीखना चाहिए कि "अपने भविष्य के बारे में रोज सोचना चाहिए कि वह क्या कर रहे हैं, समय रहते ही सोच, समझकर करियर को लेकर रिस्क उठाने में डरना और देरी नहीं करना चाहिए"।
 
5 हमने देखा है कि धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया जब भी कोई सीरिज या ट्रोफी जीतती थी तो धोनी उसे अपनी टीम को सौंप कर कोने में चले जाते थे। जब भी ऐसा कोई इवेंट होता था तो वह टीम को आगे कर के स्वयं पीछे रहते थे। इस बात से यह सीखने को मिलता है कि "लीडर होने का अर्थ सिर्फ आगे खड़ा होना नहीं होता, लीडर वह भी होता है जो पूरी टीम को प्रोत्सहित करने के लिए खुद पीछे हो जाए। सच्चा लीडर जीत का श्रेय अकेले नहीं लेता बल्कि उसके लिए पूरी टीम ही उसकी हकदार होती है"।
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