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Last Modified: शुक्रवार, 2 जुलाई 2021 (00:22 IST)

WHO से मंजूर कोई भी Corona टीका लगवाने वालों को यात्रा की अनुमति दी जाए : संयुक्त राष्ट्र

WHO से मंजूर कोई भी Corona टीका लगवाने वालों को यात्रा की अनुमति दी जाए : संयुक्त राष्ट्र - United Nations statement regarding Corona vaccine
जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गुरुवार को कहा कि जो भी देश कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 रोधी टीका लगवा चुके लोगों के लिए अपनी सीमाएं खोलें, (अन्य देशों के लोगों को अपने यहां यात्रा की अनुमति देने के वास्ते), उन्हें विश्व के शीर्ष स्वास्थ्य निकाय से आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी प्राप्त कोई भी टीका लगवाने वाले किसी भी व्यक्ति को अपने यहां यात्रा की अनुमति देनी चाहिए।

इस कदम से पश्चिमी देशों के सामने उन 2 चीनी टीकों के वास्ते मंजूरी का दायरा बढ़ाने संबंधी चुनौती पैदा हो गई है जिन्हें डब्ल्यूएचओ ने लाइसेंस दे दिया है, लेकिन अधिकतर यूरोपीय एवं उत्तरी अमेरिकी देशों ने मंजूरी नहीं दी है। डब्ल्यूएचओ फाइजर-बायोटेक, मॉडर्ना इंक, एस्ट्रेजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन के टीकों के अलावा दो चीनी टीकों को भी हरी झंडी दे चुका है। चीनी टीके सिनोवैक और सिनोफार्म ने तैयार किए हैं।
यूरोप के अंदर यात्रा बहाल करने के उद्देश्य से यूरोपीय संघ ने मई में कहा था कि वह उन लोगों को ही आवाजाही की मंजूरी देगा जिन्होंने यूरोपीय मेडिसीन एजेंसी से अनुमति प्राप्त टीकों की खुराक ली होगी। इसने यह भी कहा था कि यदि कोई देश उन यात्रियों को भी अपने यहां आने देना चाहता है जिन्होंने रूस के स्पूतनिक वी समेत दूसरे टीके लगवाए हों तो यह उसकी अपनी मर्जी होगी।
यूरोपीय संघ दवा नियामक फिलहाल चीन के सिनोवैक टीके को लाइसेंस देने पर विचार कर रहा है लेकिन यह निर्णय कब तक लिया जाएगा, इसकी कोई समयसीमा तय नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा, ऐसा कोई भी कदम जो डब्ल्यूएचओ द्वारा मंजूर टीकों के एक उपसमूह से सुरक्षा प्राप्त लोगों को ही यात्रा का लाभ देना चाहता है, से द्विस्तरीय व्यवस्था पैदा होगी, वैश्विक टीका विभाजन बढ़ेगा एवं हम कोविड-19 टीकों के वितरण में जो असमानताएं पहले ही देख चुके हैं, उनमें विस्तार होगा।

इसने कहा, इससे उन अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक असर पड़ेगा जो पहले ही सबसे अधिक मार झेल चुकी हैं। ऐसे कदमों से उन जीवनरक्षक टीकों पर विश्वास कम होगा जिनके सुरक्षित एवं प्रभावी होने की बात पहले ही सामने आ चुकी है। चीन के दोनों टीकों की अपनी समीक्षा में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह पाया गया है कि दोनों ही टीके अस्पताल में भर्ती होने और मौत के खतरे को कम करने में असरदार हैं।(भाषा)
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