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Last Modified: सोमवार, 11 मई 2020 (17:38 IST)

Corona से शिक्षा के नतीजे बेहद खराब आने का खतरा...

Corona से शिक्षा के नतीजे बेहद खराब आने का खतरा... - The danger of education results from Corona being very bad
नई दिल्‍ली। विश्व बैंक की शिक्षा टीम के अनुसार, कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 महामारी से शिक्षा के नतीजे बेहद खराब आने का खतरा उत्पन्न हो गया है। उसने कहा है कि कोई आक्रामक नीति नहीं अपनाई गई तो इसका बच्चों तथा युवाओं के शिक्षण और स्वास्थ्य पर बहुत जल्द बुरा प्रभाव होगा।

विश्व बैंक के विशेषज्ञों ने कहा है कि महामारी से पहले भी दुनिया शिक्षा के संकट से गुजर रही थी और सतत विकास लक्ष्य 4 के लक्ष्यों को हासिल करने के रास्ते से पहले ही भटक गई थी। सतत विकास लक्ष्य 4 के तहत सभी देश अन्य महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के अलावा इसके लिए प्रतिबद्धता जताते हैं कि सभी बालिका एवं बालक मुफ्त, एक समान और गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा पूरी करें।

विश्व बैंक शिक्षा क्षेत्र में महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए दिशानिर्देशों के साथ-साथ नीतिगत सुझाव देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों के साथ काम कर रहा है।

कोविड-19 पैनडेमिक : शॉक्स टू एजुकेशन एंड पॉलिसी रिस्पांसेस शीर्षक वाली एक रिपोर्ट में कहा गया है, महामारी से पहले, 25.8 करोड़ बच्चे तथा प्राथमिक और माध्यमिक-स्कूली आयु के युवा स्कूल से बाहर थे और निम्न स्कूली शिक्षा का मतलब है कि स्कूल में कई ऐसे थे जो बहुत कम सीखते थे।

सबसे खराब बात यह कि संकट का समान रूप से वितरण नहीं था। सबसे वंचित बच्चे और युवाओं की स्कूली शिक्षा तक पहुंच बहुत खराब थी, स्कूली शिक्षा छोड़ने की दर अधिक थी।विश्व बैंक में शिक्षा के लिए वैश्विक निदेशक जैमी सावेद्रा के अनुसार महामारी से अब शिक्षा के परिणामों के और खराब होने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

उन्होंने कहा, महामारी का शिक्षा पर पहले से ही गहरा प्रभाव पड़ा है क्योंकि दुनिया में लगभग सभी जगह स्कूल बंद हैं, यह हमारे जीवनकाल में सभी शिक्षा प्रणालियों के लिए सबसे बड़ा झटका है। स्वास्थ्य आपात स्थिति के एक गहरे वैश्विक मंदी में तब्दील हो जाने पर यह क्षति और गंभीर हो जाएगी।विश्व बैंक की शिक्षा टीम ने कहा कि झटके का मुकाबला करने और संकट को अवसर में बदलना संभव है।

रिपोर्ट में कहा गया है, पहला कदम स्कूल बंद होने का सफलतापूर्वक सामना करना है। ऐसा स्वास्थ्य की रक्षा करके और छात्रों को होने वाले नुकसान को दूरस्थ शिक्षा का उपयोग कम करके किया जा सकता है। साथ ही देशों को स्कूल फिर से खोलने के लिए योजना बनानी शुरू करने की आवश्यकता है।

इसका मतलब है कि स्कूल में छात्रों को पढ़ाई छोड़ने से रोकना, स्कूल में स्वस्थ स्थितियां सुनिश्चित करना और एक बार बच्चों के स्कूल में वापस आने पर प्रमुख क्षेत्रों में तेजी से सीखने को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करना।पूरे विश्व में 41 लाख से अधिक लोग कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं और इससे होने वाली मौतों की संख्या 2.83 लाख है।(भाषा)
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