जयपुर। विश्व के लिए एक नई चुनौती के रूप में सामने आई वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Coronavirus) से मुकाबला करने में राजस्थान में पाई कामयाबी की कहानी सात समंदर पार पहुंच गई और राजस्थान मॉडल की चर्चा एवं सराहना दुनियाभर में होने लगी है।
राजस्थान ने इस चुनौती को स्वीकार कर इससे मुकाबला और हराने की तैयारी में जो माइक्रो मैनेजमेंट और कौशल दिखाया है उसकी चर्चा देश में ही नहीं, दुनियाभर में भी हो रही है। कोरोना के शुरुआती दिनों में भीलवाड़ा मॉडल, इसके बाद जयपुर मॉडल और अब दुनियाभर में राजस्थान मॉडल की सराहना की जा रही है।
प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए जिस तरह राजस्थान सतर्क है। नारे के साथ हरसंभव कोशिशों के साथ काम किया जा रहा है, उसकी यूरोप, अमरीका, मध्य एशिया से राजस्थान लौटे प्रवासी लोग सराहना कर रहे हैं और इसकी गवाही दे रहे हैं।
विश्व के अलग-अलग हिस्सों और महाद्वीपों से राजस्थान लौटे प्रवासी राजस्थानी बताते हैं कि विदेश में रहकर भी नजर भारत और राजस्थान पर रहती थी। सोशल मीडिया, वेबसाइट्स एवं टीवी चैनल्स से लगातार जानकारी मिलती रहती थी कि किस तरह कई देशों की आबादी से ज्यादा आबादी और कई देशों के क्षेत्रफल से ज्यादा क्षेत्रफल वाले राजस्थान में इस महामारी से मुकाबला किया जा रहा है।
कई तो वर्षों से विदेशों में काम-धंधे में लगे, नौकरियां कर रहे एवं कजाकिस्तान, यूक्रेन, किर्गीस्तान, रशिया जैसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे कई युवा जब कोरोना संक्रमण की आशंका के दौरान अलग-अलग तारीख और समय पर जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे तो राजस्थान की धरती पर कदम रखते ही उनके चेहरों पर घर वापसी का सुखद अहसास था।
विदेश से आए अधिकतर प्रवासियों ने राजस्थान के भीलवाड़ा मॉडल, जयपुर मॉडल, एसएमएस अस्पताल द्वारा
कोरोना के इलाज के लिए चार दवाओं की सहायता से स्वयं विकसित किए गए चिकित्सा प्रॉटोकॉल, बेहतर क्वारंटाइन व्यवस्था एवं प्रबंधन, कोरोना जांचों के लिए अपनाए गए मॉडल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा श्रमिक, दिहाड़ी मजदूरों और हर जरूरतमंद के लिए लागू किए गए राहत पैकेज, लॉकडाउन से पहले एवं लॉकडाउन के बाद में उठाए गए कदमों की सराहना की।
उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्होंने पहले से काफी पढ़-सुन रखा था कि कोई भूखा नहीं सोए, पशु-पक्षियों में भी
जान है, किसी को नौकरी से नहीं निकाला जाए, श्रमिक शिविरों की स्थापना, श्रमिक स्पेशल निशुल्क बस सेवा जैसे कई प्रयासों के बारे में भी खूब सुना गया।
कोरोना को मात देने के लिए राजस्थान में गहलोत प्रतिदिन समीक्षा बैठकों और 65 से ज्यादा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
के जरिए प्रदेश के हर छोटे-बड़े शहर एवं ग्रामीण अंचल पर नजर बनाए हुए हैं और एक-एक विषय पर बारीकी से
निर्णय किया जा रहा है।
साथ ही कोरोना वॉरियर्स जैसे डॉक्टर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ, प्रशासन, पुलिस, स्वच्छताकर्मी, शिक्षक, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, अन्य सरकारी कर्मी सामाजिक संगठन, भामाशाह, वार्डपंच से लेकर मंत्री तक के जनप्रतिनिधियों, मीडिया कर्मियों एवं जनसम्पर्ककर्मियों की लगातार सराहना तथा उत्साहवर्धन करते हुए महामारी से प्रभावी मुकाबले की रणनीति लागू की।
इसी रणनीति का नतीजा है कि प्रदेश में 78 प्रतिशत से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में करीब सत्रह हजार कोरोना संक्रमित के मामले सामने आ चुके हैं और इसमें तेरह हजार से अधिक मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। अब तक सामने आए मरीजों में करीब चार हजार आठ सौ प्रवासी लोग शामिल हैं।
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि कोरोना की रोकथाम के लिए राज्य सरकार एवं उनका विभाग पूरी तरह
समर्पित होकर काम कर रहा है। शर्मा ने बताया कि राज्य में विभाग ने दिन-रात काम कर प्रतिदिन 25 हजार से
ज्यादा जांच क्षमता विकसित कर ली और आगामी दिनों में प्रतिदिन चालीस हजार जांचें करने की क्षमता भी
विकसित कर ली जाएगी।
पिछले दिनों ओमान से उदयपुर के लिए आए भरत जोशी का कहना है कि काफी तारीफ सुनी थी ओमान में कि
राजस्थान में कोरोना पर काफी नियंत्रण कर रखा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में अच्छा काम हो रहा है।
इसी तरह ओमान से ही आए जाकिर हुसैन ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण में मुख्यमंत्री की तारीफ पूरे भारत में हो रही है और ओमान में भी उन्हें भारत का नंबर एक मुख्यमंत्री बताया जा रहा है। कनाडा से आए गौरव ने कहा कि वे जैसे ही जयपुर पहुंचे तो काफी सकारात्मक भावना आई। उन्होंने बताया कि गहलोत ने काफी अच्छे काम
किए हैं। मैं उनको फॉलो कर रहा था ऑनलाइन, यूट्यूब वगैरह पर। प्रवासियों के लिए भी अच्छा काम किया है।
इसी तरह लंदन, कजाकिस्तान तथा अन्य देशों से आए प्रवासियों ने राजस्थान सरकार के कोरोना नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।(वार्ता)