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Last Updated : शुक्रवार, 29 मई 2020 (01:05 IST)

स्पीकअप इंडिया : सोनिया-राहुल ने कहा- मजदूरों और गरीबों के लिए खजाने के ताले खोले मोदी सरकार

स्पीकअप इंडिया : सोनिया-राहुल ने कहा- मजदूरों और गरीबों के लिए खजाने के ताले खोले मोदी सरकार - speakup india sonia rahul and congress leaders demand financial help for poor and msme
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य नेताओं ने गुरुवार को सरकार से आग्रह किया कि मजदूरों को मुफ्त परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के साथ ही गरीब परिवारों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) की तत्काल वित्तीय मदद प्रदान की जाए। साथ ही मनरेगा के तहत कार्यदिवसों को 200 दिन किया जाए।
 
सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर कांग्रेस की ओर से चलाए गए ‘स्पीकअप इंडिया’ अभियान के तहत पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ ही राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश एवं जिला इकाइयों के पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं ने गरीबों, मजदूरों, किसानों और छोटे कारोबारियों की मदद की मांग उठाई।
 
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन और पार्टी के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख रोहन गुप्ता के मुताबिक इस अभियान में 57 लाख से अधिक लोगों ने अलग-अलग सोशल मीडिया मंचों के जरिए अपनी बात रखी और इनके जरिए कांग्रेस 10 करोड़ लोगों तक पहुंचने में सफल रही। माकन ने ‘वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा कि इस अभियान के बाद हमें उम्मीद है कि सरकार जागेगी और हमारी मांगों को स्वीकार करेगी।
 
रोहन गुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया का हमारे अभियान ने पूरी दुनिया में नंबर एक पर ट्रेंड किया। यह इस बात का प्रमाण है कि लोग हमारी मांगों का समर्थन कर रहे हैं। सोनिया गांधी ने इस अभियान के तहत एक वीडियो जारी कर सरकार से यह आग्रह किया कि वह मनरेगा के तहत 200 कामकाजी दिन सुनिश्चित करे और सभी जरूरतमंदों के लिए राशन का प्रबंध करे।
 
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि करोड़ों रोजगार चले गए, लाखों धंधे चौपट हो गए, कारखानें बंद हो गए, किसानों को फसल बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। यह पीड़ा पूरे देश ने झेली, पर शायद सरकार को इसका अंदाजा ही नहीं हुआ।
 
उन्होंने कहा कि पहले दिन से ही कांग्रेस के सब साथियों, अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों और समाज के अग्रणी हर व्यक्ति ने बार-बार सरकार को यह कहा कि ये वक्त आगे बढ़कर घाव पर मरहम लगाने का है। मजदूर हो या किसान, उद्योग हो या छोटे दुकानदार, सरकार द्वारा सबकी मदद की जानी चाहिए। न जाने क्यों केंद्र सरकार यह बात समझने और लागू करने से लगातार इंकार कर रही है?
 
उन्होंने कहा कि हमारा केंद्र सरकार से फिर आग्रह है कि खज़ाने का ताला खोलिए और ज़रूरत मंदों को राहत दीजिए। हर परिवार को 6 महीने के लिए 7,500 रुपए प्रतिमाह सीधे नकद भुगतान करें और इसमें से 10,000 रुपए फौरन दें।
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह मांग भी की कि सरकार मज़दूरों की सुरक्षित और मुफ्त यात्रा का इंतजाम कर उन्हें घर पहुंचाए, उनके लिए रोजी-रोटी का इंतजाम भी करे, राशन का इंतजाम भी करें, मनरेगा में 200 दिन का काम सुनिश्चित करे और छोटे और लघु उद्योगों को कर्ज देने की बजाय आर्थिक मदद दे, ताकि करोड़ों नौकरियां भी बचें और देश की तरक्की भी हो।
 
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस अभियान के तहत सरकार से आग्रह किया कि मौजूदा समय में देश को कर्ज नहीं बल्कि वित्तीय मदद की जरूरत है और ऐसे में सरकार गरीबों के खाते में 6 महीने के लिए 7500 रुपए प्रतिमाह भेजे तथा एमएसएमई को आर्थिक पैकेज दे।
 
गांधी ने कहा कि कोविड के कारण भारत में एक तूफान आया हुआ है। सबसे ज्यादा चोट गरीब जनता को लगी है। मजदूरों को सैकड़ों किलोमीटर भूखा-प्यासा और पैदल चलना पड़ रहा है। एमएसएमई हमारे देश की रीढ़ की हड्डी हैं और बड़े पैमाने पर रोजगार देते हैं। ये एक के बाद एक करके बंद हो रहे हैं।
 
उनके मुताबिक आज हिंदुस्तान को कर्ज की नहीं, पैसे की जरूरत है। गरीब आदमी को पैसे की जरूरत है।
 
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा संकट के समय राजनीति नहीं करे और सबके साथ मिलकर देशवासियों की मदद करे।
 
उन्होंने भी सरकार से आग्रह किया कि गरीबों के खाते में तत्काल 10-10 हजार रुपए डाले जाएं और इसके साथ अगले 6 महीनों के लिए हर गरीब परिवार को 7500 रुपए मासिक दिया जाएं। जो प्रवासी मजदूर घर पहुंच चुके हैं, उनके लिए मनरेगा के कार्य दिवस को 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन किया जाए। छोटे कारोबारियों की मदद के लिए सरकार वित्तीय पैकेज दे। कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी इस अभियान के तहत सरकार से ये मांगें की। (भाषा)