Coronavirus Vaccine : सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर लगाई रोक
नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने गुरुवार को कहा कि वह कोविड- 19 के संभावित टीके के चिकित्सकीय परीक्षण को रोक रही है। सीरम ने इस टीके की एक अरब खुराक बनाने का समझौता किया हुआ है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने जारी एक बयान में कहा कि हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और भारत परीक्षण को फिलहाल स्थगित कर रहे हैं। सीरम मात्रा के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी टीका विनिर्माण कंपनी है।
एसआईआई की ओर से यह पहल उसके यह कहने के एक दिन बाद की गई है जब उसने कहा कि वह भारत में परीक्षण कार्य जारी रखेगी। इससे पहले ब्रिटेन की दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने परीक्षण में शामिल एक स्वैच्छिक प्रतिभागी के बीमार पड़ने पर परीक्षण रोक दिया था। हालांकि सीरम ने कहा कि भारत में उसका परीक्षण जारी रहेगा।
भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) के सीरम इंस्टीट्यूट को नोटिस जारी करने के बाद उसने भारत में परीक्षण को स्थगित किया है। डीसीजीआई ने नोटिस में कहा कि जब तक मरीज की सुरक्षा की पुष्टि नहीं हो जाती है तब तक परीक्षण को क्यों नहीं निलंबित रखा जाए।
सीरम इंस्टीट्यूट ने नोटिस के बाद ट्वीट कर कहा था कि हम इस बारे में डीसीजीआई के निर्देश के अनुरूप कार्य करेंगे। हमें परीक्षण को रोकने का निर्देश नहीं दिया गया था। यदि डीसीजीआई को इसमें किसी तरह की सुरक्षा चिंता दिखाई देती है तो हम उनके निर्देशों का पालन करेंगे और मानक नवाचार के अनुरूप कार्य करेंगे।
सीरम ने गुरुवार को कहा कि वह डीसीजीआई के निर्देशों का पालन कर रही है और आगे कुछ नहीं कह सकती है। उसने कहा कि हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और एस्ट्राजेनेका की तरफ से परीक्षण फिर से शुरू करने तक भारत में परीक्षण को स्थगित रखा जाएगा। हम डीसीजीआई के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और आगे इस मामले में कुछ नहीं कह सकते हैं। इस बारे में आगे की जानकारी के लिये आप डीसीजीआई से संपर्क कर सकते हैं।
एस्ट्राजेनेका ने विकसित किए जा रहे अपने टीके के परीक्षण पर दुनियाभर में अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है। कंपनी जांच कर रही है कि उसके परीक्षण में टीका लेने वाला वह व्यक्ति संयोग वश बीमार हुआ है अथवा यह दवा की वजह से हुआ है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने जून में एस्ट्राजेनेका के साथ दवा के विनिर्माण के लिए समझौता किया था। उसने निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए इस टीके के उत्पादन का समझौता किया था। यह टीका ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा मोडरेना और फाइजर द्वारा विकसित किए जा रहे टीकों को भी संभावित कोविड-19 की दवा को मजबूत दावेदार माना जा रहा है। (भाषा)