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Last Modified: गुरुवार, 11 जून 2020 (19:15 IST)

Coronavirus के गंभीर मरीजों के इलाज में रेमडेसीवीर और टोसीलीजुमैब के प्रयोग पर विचार

Coronavirus के गंभीर मरीजों के इलाज में रेमडेसीवीर और टोसीलीजुमैब के प्रयोग पर विचार - ramadacivir and tocilizumab treatment of coronavirus patients
नई दिल्ली। जल्द ही जारी होने वाले संशोधित क्लीनिकल प्रबंधन दिशा-निर्देशों के मुताबिक कोविड-19 से गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों पर ‘आपात स्थिति एवं सहानुभूति के अधार पर’ एंटी-वायरल दवा ‘रेमडेसीवीर’ और ‘टोसीलीजुमैब’ के सीमित उपयोग पर विचार किया जा रहा है।
 
इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि बहुचर्चित मलेरिया रोधी दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ का उपयोग जारी रखा जाएगा, जबकि ‘एजीथ्रोमायसीन’ को उपचार प्रक्रिया से हटाया जा सकता है।
 
उल्लेखनीय है कि 31 मई को जारी क्लीनिकल प्रबंधन दिशा-निर्देश में गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) में रखे जाने की जरूरत वाले कोविड-19 रोगियों पर एजीथ्रोमायसीन के साथ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग का सुझाव दिया गया था।
 
एक सूत्र ने कहा कि चूंकि कोविड-19 एक नया रोग है और इसके लिए अभी तक कोई दवा या टीका नहीं है, ऐसे में उपचार प्रक्रिया की उभरती स्थितियों के आधार पर समय-समय पर समीक्षा की जा रही है। 
 
सूत्र ने कहा कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने वाली दवा टोसीलीजुमैब का उपयोग प्रायोगिक आधार पर किया जाएगा। साक्ष्य के आधार पर कुछ और दवाइयां ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ के साथ में उपयोग की जा सकती है, लेकिन इस बारे में अभी कोई आम सहमति नहीं बनी है।

कोविड-19 पर राष्ट्रीय कार्यबल के विशेषज्ञ कोविड-19 के लिए नए क्लीनिकल प्रबंधन दिशा-निर्देश को अंतिम रूप दे रहे हैं, जिसने रविवार को अपनी बैठक की थी।
 
भारत के औषधि नियामक ने पिछले सप्ताह अमेरिकी औषधि कंपनी गिलीड साइंसेज को अपनी दवा रेमडेसीवीर को देश में अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों पर ‘आपात स्थिति में सीमित उपयोग’ के लिए विपणन अधिकार प्रदान कर दिए।
 
आपात स्थिति और कोरोना वायरस महामारी के फैलने को लेकर दवाइयों की अत्यधिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए रेमडेसीवीर की मंजूरी प्रक्रिया तेज की गई।
 
एक सूत्र ने कहा कि इंजेक्शन के रूप में रोगी को दी जाने वाली इस दवा को सिर्फ अस्पताल या संस्थागत स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में उपयोग के लिए विशेषज्ञों की सलाह पर खुदरा बिक्री की मंजूरी दी गई है। भारत अभी यह रेमडेसीवीर नहीं बनाता है।

चार कंपनियों- हेटेरो, जुबलिएंट साइंसेज, सिप्ला और मायलन एनवी- के साथ गिलीड साइंसेज इंक ने गैर-विशेष लाइसेंसिंग समझौता किया है। हालांकि इसे अभी भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से अनुमति नहीं मिली है।
 
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अस्पताल में भर्ती एवं गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए रेमडेसीवीर के आपात स्थिति उपयोग की इजाजत दी है। (भाषा)
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