इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद एक महीने से चल रहे लॉकडाउन में रियायत देनी शुरू कर दी है। देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 28,000 के पार हो गए हैं और अभी तक 618 लोगों की मौत हुई है।
डॉक्टरों ने लॉकडाउन में छूट देने को लेकर चेतावनी जारी की है। पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन (पीएमए) के प्रतिनिधियों ने मांग की है कि सरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों को माने और सख्त लॉकडाउन का पालन करे।
पीएमए के डॉक्टर इकराम तुनिओ ने कराची में कहा कि हमारा मानना है कि संख्या जरूर बढ़ेगी। हमारी सूचना के अनुसार, कराची में पांच अस्पताल हैं जिनमें कुल 63 बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित हैं। यदि कराची जैसे शहर में ऐसी हालत है तो आप कल्पना कर सकते हैं कि पाकिस्तान के अन्य शहरों में क्या हालत होगी।
अधिकारियों ने बताया कि देश में अभी तक कुल 28,562 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं, इनमें से पंजाब में 10,471, सिंध में 10,771, खैबर-पख्तूनख्वा मे 4,327, बलूचिस्तान में 1,876, इस्लामाबाद में 609, गिल्गिट-बाल्टिस्तान में 421 और कश्मीर (पीओके) में 87 मामले हैं।
इससे पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय ने बताया था कि पाकिस्तान में एक दिन में इस महामारी के कारण 24 और लोगों की जान गई है जिससे देश में इस बीमारी के कारण अब तक 618 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा था कि पाकिस्तान शनिवार से विभिन्न कारोबारों को फिर से शुरू करने की अनुमति देकर राष्ट्रव्यापी बंद में चरणबद्ध तरीके से ढील देगा। देश में मार्च के अंत में बंद लागू किया गया था और अब इसकी वजह से आर्थिक संकट को देखते हुए राहत दिए जाने की बात हो रही है।
बंद में ढील का पहला चरण शुरू हो चुका है और सरकार ने और कारोबारों को सुबह से शाम पांच बजे तक खोलने की घोषणा की है।
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने खान के हवाले से अपनी खबर में कहा कि संघीय सरकार लोगों को अधिकतम राहत देने की कोशिश कर रही है, लेकिन देश के मौजूदा आर्थिक हालातों को देखते हुए बंद में अनिवार्य रूप से रियायत दी जानी चाहिए।
सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह और खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के सलाहकार अजमल वजीर ने कहा कि प्रांतीय सरकारें भी इस योजना पर खान से सहमति रखती हैं।
खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने शुक्रवार को 21 मार्च को लागू किए गए बंद में ढील की घोषणा की थी। इसके मुताबिक दुकानें और कुछ चुनिंदा कारोबार हफ्ते में चार दिन खुलेंगे और सभी प्रतिष्ठानों को शाम 4 बजे बंद कर दिया जाएगा।
मौलवियों के सरकारी दिशा-निर्देशों और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने पर सहमति जताने के बाद सरकार ने रमजान के दौरान मस्जिदों में नमाज अदा करने की अनुमति भी दे दी है।
चिकित्सकों और विपक्ष ने हालांकि फैसलों को लेकर आपत्ति जाहिर की है। पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि बंद या कोरोना वायरस को लेकर इस सरकार की कोई नीति नहीं है। कुछ कारोबारों को खोलने की इजाजत यद्यपि दी गई है लेकिन पाकिस्तान में विद्यालयों को 15 जुलाई तक बंद रखने का फैसला किया गया है। (भाषा)