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Last Modified: गुरुवार, 2 अप्रैल 2020 (18:25 IST)

Corona virus : कब्रिस्तान में नहीं दफनाने दिया मुस्लिम व्यक्ति का शव, किया गया दाह संस्कार

Corona virus : कब्रिस्तान में नहीं दफनाने दिया मुस्लिम व्यक्ति का शव, किया गया दाह संस्कार - muslim corona patient refused to be buried in cemetery forced to perform funeral in hindu crematorium
मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के संक्रमण से मृत 65 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति के परिजनों ने गुरुवार को 
आरोप लगाया कि उपनगर मलाड में कब्रिस्तान के न्यासियों द्वारा शव दफनाने से मना करने के बाद उसे जलाना पड़ा। यह घटना बुधवार की है।
 
मृतक मालवाणी के कलेक्टर परिसर में रहता था और जोगेश्वरी स्थित बीएमसी के अस्पताल में बुधवार तड़के 
उसकी मौत हुई थी।
 
मृतक के परिवार के सदस्य ने आरोप लगाया कि शव को मलाड के मालवाणी कब्रिस्तान ले जाया गया, लेकिन न्यासियों ने यह कहकर शव को दफनाने से इंकार कर दिया कि मृतक कोरोना वायरस से संक्रमित था।  उन्होंने कहा कि यह तब किया गया जब महानगर पालिका ने सुबह 4 बजे शव को दफनाने की अनुमति दी थी।
 
परिवार के सदस्य ने बताया कि स्थानीय पुलिस और एक स्थानीय नेता ने हस्तक्षेप की कोशिश की और न्यासियों से शव दफनाने की अनुमति देने का आग्रह किया, लेकिन वे नहीं माने।

उन्होंने बताया कि इसके बाद कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हस्तक्षेप किया और नजदीक स्थित हिन्दू शमशान भूमि में शव को जलाने का अनुरोध किया। परिवार की सहमति से अंतत: सुबह 10 बजे शव को जलाया गया।
 
महाराष्ट्र के मंत्री और मालवानी से विधायक असलम शेख ने पीटीआई को बताया कि सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित मुस्लिम मृतक के शव को उस स्थान के नजदीक स्थित कब्रिस्तान में दफनाया जाना चाहिए, जहां पीड़ित का निधन हुआ हो।
 
उन्होंने कहा कि लेकिन इस मामले में परिवार के लोग मृतक का शव कब्रिस्तान के न्यासियों सहित किसी को बताए बिना सीधे मलाड मालवाणी कब्रिस्तान ले गए और उसे दफनाने की मांग करने लगे। 
 
शेख ने कहा कि महानगर पालिकाकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने शव को दिशा-निर्देश के बावजूद ले जाने दिया। 
 
उन्होंने कहा कि इससे एक दिन पहले ही एक और कोरोना वायरस संक्रमित मृतक को उस कब्रिस्तान में दफनाया गया था।

मृतक के बेटे ने कहा कि अस्पताल में पिता की मौत होने के बाद कोई मदद को आगे नहीं आया। मैं अस्पताल के बाहर तीन घंटे तक शव के करीब बैठा रहा। 
 
उन्होंने कहा कि हम शव को मलाड मालवाणी कब्रिस्तान में दफनाना चाहते थे, लेकिन कब्रिस्तान के न्यासियों ने, मृतक के कोरोना वायरस संक्रमित होने की वजह से शव दफनाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। बाद में पुलिस और अन्य अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद शव को हिंदू श्मशान भूमि में जलाया गया। 
 
समाजवादी पार्टी की स्थानीय पार्षद रुखसाना सिद्दीकी ने कहा कि जब महानगर पालिका के कर्मचारी जानते थे कि दिशा-निर्देश के अनुसार  कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वाले व्यक्ति को नजदीकी कब्रिस्तान में दफनाया जाना चाहिए तो फिर क्यों शव को मलाड पश्चिम ले  जाने दिया गया जबकि मौत जोगेश्वरी (पूर्व) स्थित अस्पताल में हुई थी? (भाषा)