बुधवार, 24 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. migrant laborer Yogi Adityanath Priyanka Gandhi Uttar Pradesh
Written By अवनीश कुमार
Last Updated : मंगलवार, 19 मई 2020 (20:17 IST)

Ground Report : राजनीति न करो साहब, हम पर तरस खाओ...

Ground Report : राजनीति न करो साहब, हम पर तरस खाओ... - migrant laborer Yogi Adityanath Priyanka Gandhi Uttar Pradesh
लखनऊ। देश कोरोना महामारी इसमें लड़ रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी इस महामारी के दौरान प्रवासी मजदूर व श्रमिकों को उठानी पड़ रही है। उत्तरप्रदेश सरकार रात-दिन एक कर इन प्रवासी मजदूरों को इनके गंतव्य तक पहुंचाने में जुटी हुई है तो वहीं पिछले 2 दिनों से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए भाजपा व कांग्रेस एक दूसरे के आमने-सामने हैं।

प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए अब कांग्रेस और बीजेपी के बीच बसों को लेकर राजनीति चालू हो गई है। इसे लेकर सड़कों पर निकले प्रवासी मजदूरों का स्पष्ट कहना है- साहब, राजनीति न करो हम पर तरस खाओ। चाहे कांग्रेस की बसें लेने आ जाए और चाहे बीजेपी की बसें लेने आ जाएं, लेकिन हमें हमारे घर तक पहुंचाओ।

ऐसे ही कुछ प्रवासी मजदूरों से वेबदुनिया के संवाददाता ने बातचीत की। भोपाल से चलकर उत्तरप्रदेश के सीतापुर जा रहे शिवराम सिंह कहते हैं कि हम मजदूर तो कहीं के नहीं रहे। इस महामारी के दौरान रोजी-रोटी तो छीन ही गई, लेकिन घर जाना भी आफत बन गया है। मैं भोपाल से झांसी तक कैसे पहुंचा हूं, यह मैं ही जानता हूं। 2 दिनों से कांग्रेस और बीजेपी के बीच बसों को लेकर छिड़ी जंग को लेकर मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि चाहे कांग्रेस की बसें लगा दी जाएं और चाहे बीजेपी की बसें लगा दी जाएं, लेकिन राजनीति न करो।

हमारे जैसे हजारों मजदूर अभी भी सड़कों पर फंसे हुए हैं। इन्हें इनके घर तक पहुंचा दो। सुरक्षित रहेंगे तो खुद ही फैसला कर लेंगे कि किसने किसकी मदद की। हरियाणा से उत्तरप्रदेश के कन्नौज जा रहे शिवशंकर का कहना है कि 11 दिन हो गए हैं मुझे हरियाणा से निकले हुए।

इस दौरान काफी दूरी पैदल भी तय की है, लेकिन इन 11 दिनों में मैं अकेला ऐसा शख्स नहीं था जो इतना परेशान था। मैंने तो देखा है कि लोग अपने परिवार को लेकर पैदल चल रहे हैं। मैं कुछ कर तो सकता नहीं था, लेकिन एक बात समझ में आई।

इस महामारी के दौरान भी लोग अगर राजनीति कर रहे हैं तो वह गलत है। मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि अगर कांग्रेस बसें भेज देगी तो प्रवासी मजदूरों को थोड़ा आराम मिल जाएगा और अगर आप भी बसें भेज रहे हैं तो उससे भी आराम मिल जाएगा और अगर दोनों लोग मिलकर हम प्रवासी मजदूरों का इंतजाम कर दें तो हम सभी को जल्द से जल्द अपना अपना घर मिल जाएगा। इसके लिए इस जिंदगी में आप सभी के आभारी रहेंगे।