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Last Updated : शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020 (18:08 IST)

ठंड बढ़ने से ज्यादा समय सतह पर मौजूद रहेगा Coronavirus

ठंड बढ़ने से ज्यादा समय सतह पर मौजूद रहेगा Coronavirus - Coronavirus will be present on the surface longer than cold
ह्यूस्टन (अमेरिका)। वैज्ञानिकों ने वायरस जैसे कणों का इस्तेमाल कर पता लगाया है कि सतह पर कोरोनावायरस (Coronavirus) के अस्तित्व पर पर्यावरण का क्या प्रभाव पड़ता है। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि सर्दियों में तापमान गिरने पर वायरस लंबे समय तक संक्रमणकारी रह सकता है। 'बायोकेमिकल एंड बायोफिजिकल रिसर्च कम्युनिकेशन्स' नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार वायरस जैसे कण (वीएलपी) कोरोना वायरस के बहरी ढांचे जैसे होते हैं।
अमेरिका के यूटाह विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि वीएलपी उसी लिपिड और 3 प्रकार के 
प्रोटीन से बने खोखले कण होते हैं, जैसा कोरोनावायरस में होता है। लेकिन उनमें जीनोम नहीं होता इसलिए 
उनसे संक्रमण का खतरा नहीं होता। इस अनुसंधान में वैज्ञानिकों ने वायरस जैसे कणों की जांच, कांच की सतह पर शुष्क और नमी वाले वातावरण में की है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि कोरोनावायरस सामान्य रूप से तब फैलता है, जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है।
उन्होंने कहा कि खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदें जल्दी ही सूख जाती हैं इसलिए उनसे निकले सूखे 
और नमी वाले वायरस के कण संपर्क में आई किसी भी सतह पर बैठ जाते हैं। उन्नत माइक्रोस्कोपी तकनीक 
की मदद से वैज्ञानिकों ने बदलते हुए वातावरण में वीएलपी में आए बदलाव को देखा।
 
उन्होंने वीएलपी के नमूनों को विभिन्न तापमान पर 2 स्थितियों में परखा। एक स्थिति में उन्हें तरल में डाला 
गया, दूसरे में शुष्क वातावरण में रखा गया। वैज्ञानिकों के अनुसार सामान्य तापमान या ठंड के मौसम में ये कण ज्यादा समय तक संक्रमणकारी रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि सतह पर वीएलपी के अस्तित्व पर नमी का बहुत कम प्रभाव पड़ता है। (भाषा)
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