नवंबर से ब्रिटेन से लखनऊ लौटे 48 यात्री, अधिकतर के फोन बंद, अधिकारी परेशान
लखनऊ। ब्रिटेन से हाल में उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ लौटे अधिकतर यात्रियों के मोबाइल फोन बंद होने से राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी परेशान हैं और वह उन्हें तलाशने की कोशिश कर रहे है।
सूत्रों के मुताबिक नवंबर महीने से अब तक लखनऊ में ब्रिटेन से करीब 48 यात्री आये हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने यात्रियों की संख्या की पुष्टि नहीं की है।
लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय भटनागर ने बताया, 'केंद्र सरकार ने ब्रिटेन से उत्तर प्रदेश आने वाले यात्रियों की सूची भेजी है। इसमें राजधानी लखनऊ आने वाले यात्रियों के बारे में भी जानकारी है, लेकिन इसमें यात्रियों के केवल फोन नंबर ही हैं। उन नंबरो पर संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। अधिकतर यात्रियों के फोन बंद हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उनका पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।'
उन्होंने बताया कि अधिकारी 24 नवंबर से ब्रिटेन से राज्य पहुंचे यात्रियों का पता लगा रहे हैं। ब्रिटेन से लखनऊ आए यात्रियों की संख्या को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया।
स्वास्थ्य विभाग को मिली सूची में 24 नवंबर से अब तक 48 यात्रियों के ब्रिटेन से लखनऊ आने का ब्योरा मिला है। लेकिन, यात्रियों का पता दर्ज नहीं है और जो मोबाइल नंबर हैं उन पर संपर्क नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक ब्रिटेन से राज्य में आने वाले सभी यात्रियों की जांच करायी जाएगी। साथ ही उन्हें पृथक-वास में भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोरोना वायरस के नए स्वरूप के मामलों के बाद ब्रिटेन तथा अन्य देशों से राज्य में आने वाले लोगों की कोविड-19 जांच अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बुधवार को बताया था कि मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप को ध्यान को रखते हुए सतर्कता बरतनी आवश्यक है। इस संबंध में थोड़ी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है।
राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को कहा कि कुछ देशों में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिला है जो बहुत तेजी से फैल रहा है। हाल में जो लोग ब्रिटेन से आए हैं उनसे अनुरोध है कि वे अपनी कोविड-19 की जांच जरूर करा लें और संक्रमित नहीं होने पर भी दस दिन घर में पृथक-वास में रहें ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। (भाषा)