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Last Updated :मुंबई , शुक्रवार, 15 नवंबर 2024 (08:26 IST)

Maharashtra Assembly Elections 2024 : देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र चुनाव को क्यों कहा अजीब, बोले- कीजिए 23 नवंबर का इंतजार

Maharashtra Assembly Elections 2024 : देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र चुनाव को क्यों कहा अजीब, बोले- कीजिए 23 नवंबर का इंतजार - maharashtra elections are strange only after the results will it be clear which group is supporting whom said devendra fadnavis
Maharashtra Assembly Elections 2024 News :  महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 20 नवंबर को होने वाला राज्य विधानसभा चुनाव ‘अजब’ है और 23 नवंबर को परिणाम घोषित होने के बाद ही स्पष्ट होगा कि कौन गुट किसका समर्थन कर रहा है।
यहां पत्रकारों के एक समूह से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना, अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और भाजपा के गठबंधन ‘महायुति’ को कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) पर बढ़त हासिल है। फडणवीस ने कहा कि ये चुनाव अजीब हैं। हमें नतीजों के बाद ही पता चलेगा कि कौन किसके साथ है। महायुति के भीतर भी आंतरिक विरोधाभास है।’’
 
उन्होंने दावा किया कि एमवीए को भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। फडणवीस ने कहा कि उनकी पार्टी का नारा ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ विपक्षी महाविकास आघाडी (एमवीए) के चुनाव प्रचार अभियान के जवाब में गढ़ा गया है। भाजपा नेता ने दावा किया कि उनके सहयोगियों अशोक चव्हाण और पंकजा मुंडे के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री अजित पवार इसके ‘मूल’ अर्थ को समझने में विफल रहे।
 
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बार-बार इस्तेमाल किए जाने वाले इस नारे ने विपक्ष को इसकी निंदा करने के लिए एकजुट कर दिया है। विपक्ष का दावा है कि इस नारे के सांप्रदायिक निहितार्थ हैं, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ नेताओं ने भी इस पर आपत्ति जताई है।
बातचीत के दौरान फडणवीस ने कहा कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ कांग्रेस नीत महाविकास आघाडी के विभाजनकारी चुनाव प्रचार अभियान के जवाब में गढ़ा गया नारा है, इस नारे का मूल संदेश यह है कि ‘‘सभी को एक साथ रहना होगा।’’ फडणवीस ने कहा कि इस नारे का मतलब यह नहीं है कि हम मुस्लिमों के खिलाफ हैं। हमने यह नहीं कहा कि लाडकी बहिन योजना का लाभ मुस्लिम महिलाओं को नहीं दिया जाएगा।
 
उन्होंने दावा किया कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ भी कांग्रेस और एमवीए की तुष्टिकरण (राजनीति) का जवाब है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान ‘वोट जिहाद’ का प्रयोग किया और मस्जिदों में पोस्टर लगाए गए, जिसमें लोगों से एक विशेष पार्टी को वोट देने का आग्रह किया गया। यह किस तरह की धर्मनिरपेक्षता है।
 
फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा संविधान की लाल कवर वाली प्रति का लहराना एक लातिन अमेरिकी देश में ‘अराजकतावादी ताकतों’ के अभियानों से चुराई गई अवधारणा है।
खाली थे राहुल गांधी की संविधान के प्रति के पन्ने 
उन्होंने कहा कि यह अवधारणा विपक्ष पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, खासकर तब, जब नागपुर में कांग्रेस की एक रैली में यह खुलासा हुआ कि संविधान की जिस प्रति को राहुल गांधी लहरा रहे थे उसके अंदर के पन्ने खाली हैं।
 
फडणवीस ने कहा कि यह अवधारणा एक लातिन अमेरिकी देश से चुराई गई है जहां अराजकतावादी ताकतों को साथ लेकर चुनाव लड़ा गया था और इसमें संविधान की प्रतियां लहराई गई थीं। यह कांग्रेस की मूल अवधारणा नहीं है।
 
फडणवीस ने कहा कि संविधान की प्रति लहराने की अवधारणा नागपुर रैली से पहले तक ‘हिट’ थी। फडणवीस ने कहा, संविधान का इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता है? क्या आप संविधान की उचित प्रतियां नहीं छाप सकते? आप नाम तो संविधान का जपते हैं लेकिन एक खाली पन्ने वाली किताब बांटते हैं। वे (कांग्रेस) संविधान का बुर्का पहने हुए हैं लेकिन अंदर से खाली हैं। उनके मन में संविधान के प्रति कोई सम्मान नहीं है।
 
कौन बनेगा मुख्यमंत्री 
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के अगले मुख्यमंत्री के चयन के लिए कोई निर्धारित फॉर्मूला नहीं है और विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि (मुख्यमंत्री पद पर) फैसला तीनों दलों के नेताओं द्वारा किया जाएगा। एकनाथ शिंदे और अजित पवार अपनी-अपनी पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और भाजपा संसदीय बोर्ड पार्टी अध्यक्ष को निर्णय लेने के लिए अधिकृत करता है। इसलिए, तीनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष फैसला करेंगे।
 
फडणवीस ने महायुति सरकार की लाडकी बहिन योजना का बचाव किया क्योंकि विपक्ष ने दावा किया है कि इससे राज्य आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहा है। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था 40 लाख करोड़ रुपए की है, और इस पर कर्ज सिर्फ 6-6.5 लाख करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पर भी इतना ही कर्ज है, लेकिन उसकी अर्थव्यवस्था 25 लाख करोड़ रुप' की है।
महाराष्ट्र सरकार ने लाडकी बहिन योजना के लिए 46,000 करोड़ रुपए के वार्षिक वित्तीय बोझ का अनुमान लगाया है। फडणवीस ने कहा कि हम सबसे बड़ा राज्य हैं, इसलिए केवल ऋण की मात्रा ही मायने नहीं रखती। अर्थव्यवस्था का आकार महत्वपूर्ण है। जब आप महाराष्ट्र के कर्ज और इसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बीच अनुपात की तुलना करते हैं, तो हम इस श्रेणी में सबसे आगे हैं।
 
भाजपा जो कहेगी वह करूंगा
फडणवीस ने चुनाव के बाद केंद्र में अपनी संभावित ‘पदोन्नति’ के बारे में किये गए सवालों को हंसकर टाल दिया।  नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट से चुनाव लड़ रहे फडणवीस ने कहा, ‘‘भाजपा मुझसे जो भी करने को कहेगी, मैं वह करूंगा। ‘जीना यहां, मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां।’ भाजपा जहां भी जाने को कहेगी, मैं वहां जाऊंगा। (इनपुट भाषा)