Good Friday : आप नहीं जानते होंगे गुड फ्राइडे की ये खास बातें
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार गुड फ्राइडे (Good Friday) एकमात्र ऐसा दिन है जिसका निर्धारण यहूदी करते हैं। यहूदी फरवरी माह में चांद देखकर इस दिन का निर्धारण करते हैं और गुड फ्राइडे के 40 दिन पहले आने वाले बुधवार से उपवास प्रारंभ हो जाते हैं। इस बुधवार को राख का बुधवार कहा जाता है। यह प्रथा कैथोलिकों द्वारा शुरू हुई। इसे गुड फ्रायडे, होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। इस वर्ष शुक्रवार, 15 अप्रैल 2022 को गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है।
गुड फ्रायडे की खास बातें-Good Friday ki baten
- गुड फ्राइडे के 40 दिन पहले से ही ईसाई समुदाय में प्रार्थना और उपवास शुरू हो जाते हैं।
- प्रभु यीशु ने मानव सेवा प्रारंभ करने से पूर्व 40 दिन व्रत किया था शायद इसी वजह से उपवास की यह परंपरा शुरू हुई।
- गुड फ्राइडे के दिन लोग चर्च जाते हैं और प्रभु यीशु को याद कर शोक मनाते हैं।
- गुड फ्राइडे की प्रार्थना दोपहर 12 से 3 के मध्य इसलिए की जाती है क्योंकि इसी दौरान यीशु को क्रॉस पर चढ़ाया गया था।
- ईस्टर की आराधना उषाकाल में महिलाओं द्वारा की जाती है क्योंकि इसी वक्त यीशु का पुनरुत्थान हुआ था और उन्हें सबसे पहले मरियम मदीलिनी नामक महिला ने देख अन्य महिलाओं को इस बारे में बताया था। इसे सनराइज सर्विस कहते हैं।
- ईस्टर के दिन उषाकाल में होने वाली प्रार्थना के बाद दोपहर 12 बजे से पूर्व में भी आराधना होती है। इसमें पुनरुत्थान प्रवचन व प्रार्थना होती है।
- गुड फ्राइडे के दिन ईसा के अंतिम 7 वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है, जो क्षमा, मेल-मिलाप, सहायता और त्याग पर केंद्रित होती है।
- इस दिन ईसा मसीह के सूली पर चढ़ाए जाने की याद में उनके अनुयायी समस्त लौकिक सुविधाओं का त्याग कर देते हैं।
- इस व्रत में शाकाहारी खाना खाया जाता है।