सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. सितारों के सितारे
  4. रॉयल बेबी : कैसा होगा बेबी प्रिंस का भविष्य

रॉयल बेबी : कैसा होगा बेबी प्रिंस का भविष्य

ब्रिटेन के शाही राजकुमार का भविष्य

Baby Prince | रॉयल बेबी : कैसा होगा बेबी प्रिंस का भविष्य
Baby Prince

ब्रिटेन के राजकुमार विलियम की पत्नी केट मिडल्टन को भारतीय समयानुसार 22 जुलाई 2013 को लगभग रात्री 8.30 बजे मकर लग्न मकर ही राशि व सिंह नवांश में ब्रिटेन में बालक ने जन्म लिया।

हिन्दू मान्यता के अनुसार लड़का नक्षत्र पाया तांबा में हुआ। तांबे का पाया अतिशुभ माना जाता है। नाम हिन्दू नामाक्षर अनुसार 'जा' से आता है। उत्तराषाढा़ नक्षत्र के तृतीय चरण में सौभाग्यशाली रत्न के रूप में ब्रिटेन ने बालक के रूप में भावी राजा पाया है।


FILE


मकर राशि होने से मिलीजुली कदकठी का सुंदर, आकर्षक नाक-नक्श वाला बालक होगा। बालक गुरु पूर्णिमा के दिन हुआ है तो भाग्यशाली होना तय है।

लग्न व धन भाव का स्वामी शनि उच्च का होकर दशम राज्य यानी पिता के भाव में है। इससे राज्य सुख पिता से उत्तराधिकारी के रूप में मिलेगा। उच्च के शनि के साथ राहु है अत: राहु का फल शनिवत ही रहेगा।


FILE

धन का स्वामी उच्च का होकर दशम यानी व्यापार भाव में हो तो व्यापार, राजनीति, पिता से अपार धन मिलता है।

तृतीय भाव व द्वादश भाव का स्वामी गुरु षष्ट भाव में अतिशत्रु का होकर मिथुन राशि में होने से शत्रुओं पर भारी पड़ेगा। मंगल व बुध का भी साथ है। मंगल चतुर्थ व एकादश भाव एवं बुध भाग्येश होकर स्वराशिस्थ है। इस वजह से माता को कष्ट रह सकता है।

अष्टम भाव का स्वामी सूर्य सप्तम भाव में सम राशि यानी कर्क में होने से दाम्पत्य जीवन में समान स्थिति रहेगी। मंगल की भाग्य पर दृष्टि व भाग्येश का षष्ट भाव में होना भाग्य के कष्टकारी होने का संकेत दे रहा है।

FILE


अष्टम भाव में शुक्र पंचमेश व दशमेश नीचाभीलाषी होने से विद्या के क्षेत्र में कुछ कमी देगा। सुंदर अधिक होगा। शनि की दशम दृष्टि सूर्य पर होने से दांपत्य जीवन में कहीं ना कहीं बाधक रहेगी।

वर्तमान में सूर्य में शनि का अंतर चल रहा है। सूर्य अष्टम मारक भाव का स्वामी है। शनि-सूर्य में शत्रुता भी है, इस कारण जनवरी 2014 तक विशेष ध्यान रखना होगा।

आगे पढ़ें विशेष जानकारी -

FILE

विशेष-

1. लग्न पर मंगल की उच्च दृष्टि पराक्रमी व गुस्सैल बनाएगी।

2. सूर्य-चन्द्र समसप्तक होने से पूर्णिमा योग है, यह उत्तम माना जाता है।

3. मंगल की चन्द्र पर दृष्टि अखंड लक्ष्मी योग बना रही है।

4. पंचमहापुरुष राजयोग में से एक शश योग राजनीति में निपुण व राज सुख देता है।




ये भी पढ़ें
जानिए शैव संप्रदाय की 11 खास बातें