आर्थिक सर्वेक्षण की मुख्य बातें...
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरण जेटली द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 की मुख्य बातें इस प्रकार हैं...
* 2015-16 में आर्थिक वृद्धि 8.1 से 8.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान।
* आने वाले वर्षों में आर्थिक वृद्धि दर 8 से 10 प्रतिशत के बीच संभव।
* वर्ष 2014-15 में वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान।
* चालू खाते का घाटा 2015-16 में घटकर जीडीपी के एक प्रतिशत पर आ जाएगा।
* सरकार चुनौतियों के बावजूद 2014-15 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.1 प्रतिशत के दायरे में रखने पर कायम।
* सरकार राजकोषीय मजबूती के लिए प्रतिबद्ध, राजस्व सृजन बढ़ाना प्राथमिकता।
* खाद्य सब्सिडी बिल अप्रैल-जनवरी 2014-15 के दौरान 20 प्रतिशत बढ़कर 1.07 लाख करोड़ रुपए रहा।
* वित्त वर्ष 2014-15 में खाद्य उत्पादन 25.70 करोड़ टन रहने का अनुमान जो पिछले पांच वर्ष के औसत प्रदर्शन से 85 लाख टन अधिक होगा।
* सरकार की पहलों और कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति में कमी का रुझान।
* जीएसटी, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से बाजी मारी जा सकती है।
* खाद्यान्न उत्पादन 2014-15 में 25.70 टन रहने का अनुमान, पिछले पांच साल के औसत में 85 लाख टन अधिक हो जाएगा।
* नीति आयोग, 14वां वित्त आयोग राजकोषीय संघवाद को बढ़ाएगा।
* वाह्य क्षेत्र मजबूत हो रहा है।
* मेक इन इंडिया और ‘स्किलिंग इंडिया’ के बीच संतुलन बनाने की जरूरत।
* विश्व व्यापार संगठन में सेवा क्षेत्र के समझौते बाजार पहुंच की बाधाएं दूर करने
की दृष्टि से महत्वपूर्ण।
* निवेश बढ़ाने के लिए पीपीपी माडल को जीवंत बनाने की जरूरत।
* विनिर्माण और सेवा क्षेत्र आर्थिक-वृद्धि के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण।
* सब्सिडी की नए सिरे से समीक्षा होगी।
* सब्सिडी ने नहीं बदली जिंदगी।
* 2014-15 में महंगाई घटी।
* अप्रैल से दिसंबर के बीच महंगाई घटी।
* राजस्व बढ़ाना नई प्राथमिकताओं में।
* कृषि विकास का लक्ष्य 4 फीसदी से कम रह सकता है।
* 10 प्रतिशत से ज्यादा ग्रोथ मुमकिन।
* बड़े पैमाने पर सुधारों के मौके।
* पैदावार का लक्ष्य हासिल करने का अनुमान।