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Written By भाषा

आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत

आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत -
कृषि और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के बूते चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है। इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 7.3 फीसदी रही थी।

सरकार की ओर से सोमवार को जारी आँकड़ों के अनुसार, तीसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 8.9 प्रतिशत की रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में नकारात्मक 1.6 फीसदी रही थी। सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर इस दौरान पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 8.5 प्रतिशत से बढ़कर 11.2 फीसदी पर पहुँच गई। सेवा क्षेत्र में वित्त, बीमा, रीयल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएँ आती हैं।

तिमाही के दौरान बिजली, गैस और जलापूर्ति अन्य ऐसे क्षेत्र रहे जिनका प्रदर्शन अच्छा रहा। इन क्षेत्रों की वृद्धि दर बढ़कर 6.4 प्रतिशत पर पहुँच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 4.5 फीसदी रही थी।

खनन और खदान क्षेत्र की वृद्धि दर बढ़कर 6 प्रतिशत पर पहुँच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के इसी तिमाही में 5.2 फीसदी रही थी।

हालाँकि, इस अवधि के दौरान विनिर्माण और निर्माण गतिविधियों की रफ्तार सुस्त रही। विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 5.6 फीसदी पर आ गई, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की समान तिमाही में 11.4 फीसदी रही थी। वहीं निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर आठ प्रतिशत रही। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 8.3 फीसदी रही थी।

चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाहियों के लिए वृद्धि दर को 8.9 प्रतिशत पर कायम रखा गया है। सरकार को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में वृद्धि दर 8.5 फीसदी से उपर रहेगी। (भाषा)