...तो नहीं भरना होगा रिटर्न
सरकार ने वेतनभोगी वर्ग को कर रिटर्न दाखिल करने की थकाऊ प्रक्रिया से राहत प्रदान करने की ठान ली है। वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट में प्रस्ताव किया है कि यदि वेतन के अलावा आमदनी का कोई अन्य जरिया नहीं है, तो उसे कर रिटर्न जमा नहीं कराना होगा।वित्त विधेयक 2011 में कहा गया है कि सरकार इस बारे अधिसूचना जारी करने वाली है। इसमें कहा गया है कि यह फैसला एक जून, 2011 से प्रभावी होगा और इससे छोटे करदाताओं को कर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया से छूट मिल सकेगी।केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) अध्यक्ष सुधीर चंद्र ने बजट बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोटे तौर पर 5 लाख रुपए तक की करयोग्य आमदनी वाले वेतनभोगियों को कर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। जल्द ही इस योजना को अधिसूचित किया जाएगा। हालाँकि उन्होंने कहा कि रिफंड लेने की स्थिति में रिटर्न दाखिल करना होगी।इस योजना का लाभ उन वेतनभोगी को मिलेगा जिनकी वेतन को छोड अन्य किसी स्रोत से कोई आय नहीं है। चंद्रा ने विस्तार में इसका उत्तर देते हुए कहा कि विभिन्न निवेश योजनाओं में किए गए निवेश और दूसरी कटौतियों के बाद यदि पाँच लाख रुपए तक की करयोग्य आय बचती है तो ऐसी आय पर स्रोत पर कर कटौती होने के बाद रिटर्न भरने की अनिवार्यता समाप्त होगी। (भाषा)