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Written By समय ताम्रकर

सिर्फ टाइम पास स्टोरी है

क्या लव स्टोरी है तुषार कपूर आयशा टाकिया करण हुक्कु लवलीसिंह
निर्माता : एन आर पचीसिया
निर्देशक : लवली सिंह
संगीत : प्रीतम
कलाकार : तुषार कपूर, आयशा टाकिया, करण हुक्कु, करीना कपूर
‘क्या लव स्टोरी है’ कि स्टोरी तो वहीं है जो आप सैकड़ों बार देख चुके हैं। दो लड़के, एक लड़की और बन गया त्रिकोण। लेकिन फिल्म में थोड़े नए घुमाव है और रफ्तार तेज है, इसलिए सब कुछ जानते हुए भी फिल्म में दिलचस्पी बनी रहती है। फिल्म 125 मिनट की है‍। फिल्म की लम्बाई छोटा होना इसका प्लस पाइंट है।

कहानी है अर्जुन (तुषार कपूर) की जिसके पास खूब पैसा है। वह आर्किटेक्ट होने के बावजूद कुछ काम नहीं करता। वह काजल (आयशा टाकिया) को चाहता है लेकिन दिल की बात नहीं कह पाता। काजल उसे अपना अच्छा दोस्त मानती है और एक दिन बातों ही बातों में उसे अपनी पसंद का लड़का बताती है। वह कहती है उसे ऐसे लड़के पसंद है जो अपने दम पर बने हो। अर्जुन को यह बात बुरी लगती है और वह दक्षिण अफ्रीका से कुछ बनने चुपचाप मुंबई चला जाता है। इसी बीच काजल अपने दम पर सफल हुए रणवीर (करण हुक्कु) से मिलती है। रणवीर को लगता है कि काजल को जिस टाइप का लड़का पसंद है वह उस अपेक्षा पर खरा उतरता है। रणवीर की मॉं भी काजल को चाहती है। ना चाहते हुए भी काजल की सगाई रणवीर से हो जाती है। रणवीर की जिंदगी की प्राथमिकता सिर्फ काम होती है। दोनों अपने दोस्त की शादी में सात दिनों के लिए बाहर जाते है। वहां भी रणवीर सिर्फ काम की बात करता रहता है। अर्जुन जब वापस आता है तो उसे पता चलता है कि काजल की सगाई हो गई है। परिस्थितियाँ कुछ ऐसी बनती है कि अर्जुन भी उस शादी में शामिल हो जाती है। रणवीर के साथ रहते हुए काजल को वो खुशी नही मिल पाती जो अर्जुन के साथ रहने पर मिलती थी। उसकी समझ में आ जाता है कि जिंदगी में छोटी-छोटी खुशियाँ की भी बहुत अहमियत होती है। थोड़ी ड्रामेबाजी के बाद अर्जुन और काजल की शादी हो जाती है।

फिल्म में कुछ सवाल अधूरे छोड़ दिए गए हैं। मसलन जब अर्जुन दक्षिण अफ्रीका में ही रहता है तो कुछ बनने के लिए वह भारत क्यों जाता है? स्पष्ट बोलने वाली काजल न चाहते हुए भी रणवीर से सगाई क्यूं कर लेती है?

छोटी कहानी को पटकथा लेखक ने कुछ कॉमेडी के दृश्य, कुछ गाने, कुछ रोमांटिक और भावनात्मक दृश्यो के जरिए खींचा है। तुषार के दो जोकरनुमा दोस्त पूरी ‍फिल्म में लड़कियों के पीछे भागते रहे। उनकी एक जैसी कॉमेडी के कई दृश्य हैं जो बाद में बोर करते है। इनके कुछ सीन कम कर फिल्म पन्द्रह मिनट छोटी की जा सकती है। लेकिन आज भी ऐसे दर्शकों की संख्या ज्यादा है जो यह मानते है कि यदि फिल्म लंबी नहीं हुई तो पैसा वसूल नहीं हो पाया।

तुषार मासूम, सीधे और ईमानदार लड़के की भूमिका कई बार कर चुके है। तुषार के चेहरे पर ईमानदारी दिखती है इसलिए निर्देशक उन्हें ऐसी भूमिका के लिए उपयुक्त मानते है। यहाँ भी उन्होंने वहीं किया। आयशा टाकिया का वजन बढ़ता ही जा रहा है। इसलिए निर्देशक ने उनके ज्यादातर क्लोज शॉट लिए है। जब क्लोज शॉट लिया जा रहा हो तो कलाकार को पूरा अभिनय अपने चेहरे से करना होता है। आयशा ने यह काम सफलतापूवर्क ‍किया है। नए कलाकार करण हुक्कु का कद काठी और स्कीन प्रजेंस अच्छा है। पहली फिल्म के हिसाब से उनका अभिनय ठीक है। करीना कपूर का आयटम सांग फिल्म की शुरूआत में है और उसका कहानी से कोई ताल्लुक नहीं है। इस हिट गीत को फिल्म के बीच में रखा जाता तो ज्यादा अच्छा रहता है। करीना ने अपनी उपस्थिति से स्क्रीन को जगमगा दिया।

निर्देशक लवलीसिंह को जो पटकथा मिली उस का जितना बेहतर इस्तेमाल वे कर सकते थे, उन्होंने किया। फिल्म के सारे गीत ठीक ठाक है और उनका फिल्मांकन बहुत अच्छा किया गया है।

जब फिल्म की ज्यादातर शूटिंग आउटडोर हो तो कैमरामेन की जवाबदारी बढ़ जाती है। राजीव श्रीवास्तव ने कैमरे के जरिए दक्षिण अफ्रीका को बड़ी खूबसूरती के साथ परदे पर उतारा है।

जो लव स्टोरी पसंद करते है उनके लिए ‘क्या लव स्टोरी’ एक अच्छा टाइमपास है।