पद्मावती... इस बार तो लता को राजी कर ही मानेंगे भंसाली
लता मंगेशकर के संजय लीला भंसाली प्रशंसक नहीं बल्कि भक्त हैं। वे लता को देवी मानते हैं। उनका नियम है कि रोजाना सुबह वे लता के तीन से चार गाने सुनते हैं और उसी के बाद उनका काम शुरू होता है। लता के गानों से उन्हें ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है। आश्चर्य तो इस बात का है कि लता के साथ भंसाली ने अब तक काम नहीं किया है।
भंसाली की फिल्मों में संगीत हमेशा मधुर और स्तरीय रहा है इसके बावजूद लता मंगेशकर ने कभी भी भंसाली को हां नहीं कहा है। ऐसा नहीं है कि भंसाली ने लता को गाने का प्रस्ताव नहीं दिया। उनके निकटतम बताते हैं कि हर फिल्म में गाने का प्रस्ताव लता को भंसाली ने दिया है, लेकिन कुछ कारणों से लता ने हर बार इंकार कर दिया।
'बाजीराव मस्तानी' की सफलता ने भंसाली के आत्मविश्वास को बढ़ा दिया है। गुजारिश और सांवरिया की असफलता ने उन्हें हिला दिया था, लेकिन शाहरुख की दिलवाले को मात देने के बाद वे अब नए प्रयोग करने को आतुर है। अपनी प्रिय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को लेकर वे 'पद्मावती' नामक फिल्म बना रहे हैं। चर्चा है कि दीपिका ने इस फिल्म में काम करने के बदले में 12 करोड़ रुपये मांगे और भंसाली इसके लिए तैयार हो गए। रणवीर सिंह और शाहिद कपूर भी फिल्म में होंगे। यह चित्तौड़गढ़ की रानी पद्मावती की कहानी है जो बेहद सुंदर थीं।
अपने बढ़े आत्मविश्वास के साथ भंसाली ने ठान लिया है कि वे इस बार लता मंगेशकर को राजी कर ही मानेंगे। अपना निवेदन उन्होंने लता तक पहुंचा दिया है। अभी तक लता ने जवाब नहीं दिया है। शायद इस बार वे मान जाएं। वैसे भी लता ने अरसे से हिंदी फिल्म के लिए नहीं गया है। कई बार वे कह चुकी हैं कि वे गाना चाहती हैं, लेकिन नए संगीतकार उनके पास नहीं आते हैं।
पद्मावती में श्रेयस पुराणिक संगीत दे रहे हैं जो बतौर सहायक संगीतकार के भंसाली के साथ काम कर चुके हैं।