दिलीप कुमार के निधन से पाकिस्तान भी हुआ गमगीन, पुश्तैनी घर के बाहर अदा की गई नमाज
बॉलीवुड के 'ट्रेजेडी किंग' दिलीप कुमार ने 7 जुलाई को दुनिया को अलविदा कह दिया। लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे दिलीप कुमार ने 98 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके निधन से भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी गम का माहौल है।
दिलीप कुमार को पाकिस्तान की कई मशहूर हस्तियों ने सोशल मीडिया के जरिए श्रद्धांजलि दी। दिलीप कुमार के निधन की खबर सामने आने के बाद पाकिस्तान के पेशावर में स्थित उनके पुश्तैनी घर चाहने वालों का जमावड़ा लग गया। दिलीप कुमार के पुश्तैनी घर के बाहर नमाज भी अदा की गई।
Actor Dilip Kumars (Yousaf Khan) funeral in absentia offered at his birthplace in Muhalla Khudadad, Qissa Khwani, #Peshawar. Prayers held for him at various points in the city. pic.twitter.com/EDnHCu3jcd
— Iftikhar Firdous (@IftikharFirdous) July 7, 2021
पाकिस्तान में दिलीप कुमार के फैंस और रिश्तेदारों ने उनके पुश्तैनी घरके बाहर गायबाना नमाज ए जनाजा अदा की। इसके साथ ही मोमबत्तियां जलाकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने दिलीप कुमार ने निधन पर दुख प्रकट करते हुए ट्वीट किया, दिलीप साहब के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं। वह एक शानदार कलाकार, विनम्र इंसान और शानदार व्यक्तित्व के धनी थे। उनके परिवार और उनके प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। उनकी आत्मा को शांति मिले।
Saddened to learn of Dilip Kumar's passing. I can never forget his generosity in giving his time to help raise funds for SKMTH when project launched. This is the most difficult time - to raise first 10% of the funds & his appearance in Pak & London helped raise huge amounts.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया, दिलीप कुमार के गुजर जाने का दुख है। उन्होंने एसकेएमटीएच प्रोजेक्ट लॉन्च होने के वक्त फंड जुटाने में जो उदारता दिखाई थी, उन्हें मैं कभी भूल नहीं सकता।
मेरी पीढ़ी के लिए दिलीप कुमार सबसे महान और प्रतिभाशाली अभिनेता थे।
बता दें कि दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। उनका असली नाम मुहम्मद युसूफ खान था। दिलीप कुमार को पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'निशान-ए-इम्तियाज' से सम्मानित किया गया था। उनके पुश्तैनी घर को पाकिस्तान में राष्ट्रीय विरासत का दर्जा दिया गया है।