'भाबीजी घर पर हैं' की अंगूरी भाबी और मनमोहन तिवारी ने इंदौर में मनाई गणेश चतुर्थी
bhabi ji ghar par hai: फेमस कॉमेडी शो 'भाबीजी घर पर हैं' के प्रशंसकों को उस वक्त रोमांचित कर देने वाली सौगात मिली, जब उनके चहेते किरदार अंगूरी भाबी (शुभांगी अत्रे) और भाबी के मजेदार लड्डू के भैया मनमोहन तिवारी (रोहिताश्व गौड़) गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाने के लिये इंदौर में थे।
इंदौर से ही आने वालीं शुभांगी ने खाने-पीने और खरीदारी के लिये हमेशा से अपनी पसंदीदा रहीं जगहों का दौरा किया और अपनी पुरानी यादों को ताजा किया। इधर रोहिताश्व अपने परिवार के लिये खरीदारी और शहर को घूमने की खुशी में मंत्रमुग्ध हो गए थे। दोनों ने इंदौर में उत्साही प्रशंसकों के साथ गणेश महाआरती में भाग लिया और मशहूर छप्पन दुकान जाकर मुंह में पानी लाने वाले व्यंजनों पर टूट पड़े।
अंगूरी की भूमिका निभा रहीं शुभांगी अत्रे ने कहा, इंदौर की मेरे दिल में एक खास जगह है और गणेश चतुर्थी के त्यौहार पर अपने होमटाऊन लौटना सचमुच मेरी खुशकिस्मती थी। मैं जब भी हमारे प्रशंसकों का प्यार और लगाव देखती हूं, भावनाओं से भर जाती हूं और यह अवसर भी अलग नहीं था। माहौल असीम ऊर्जा से भरा था और प्रशंसकों के साथ गणेश महाआरती में भाग लेना सबसे आकर्षक अनुभवों में से एक था। मैं जब भी इंदौर जाती हूं, कभी न भूलने वाली यादें मिलती हैं। मुझे बप्पा पर पक्का भरोसा है और मेरे प्यारे लड्डू के भैया के साथ हुआ यह दौरा हमेशा मेरी यादों में बसा रहेगा।
मनमोहन तिवारी बने रोहिताश्व गौड़ ने कहा, मेरी हमेशा से इंदौर घूमने की इच्छा थी, न सिर्फ इसलिये कि वह भारत के स्वच्छतम शहर के रूप में मशहूर है, बल्कि मैं वहां के स्वादिष्ट पकवानों का लुत्फ भी लेना चाहता था। मैंने इंदौर और वहां के स्वादिष्ट पकवानों के बारे में बहुत कुछ सुना था और मैं ईमानदारी से कह सकता हूं कि मैंने सारे पकवानों का मजा लिया।
उन्होंने कहा, इस अनुभव ने मुझे पूरा संतोष दिया है। शुभांगी एक बेहतरीन मेजबान रहीं और उन्होंने सुनिश्चित किया कि मैं इंदौर के हर गली-नुक्कड़ में जाऊं और सचमुच में मुंह में पानी ला देने वाले कुछ व्यंजन चखूं। मेरी पत्नी ने शॉपिंग के लिये एक लंबी लिस्ट दी थी और मेरी ऑन-स्क्रीन पार्टनर ने सारी चीजें खरीदने में मेरी मदद की। इंदौर में भगवान गणेश के आगमन के कारण बड़ी ही जीवंत और सम्मोहक ऊर्जा थी और हमारा सौभाग्य था कि हम गणेश जी की आकर्षक महाआरती में अपने प्रशंसकों के साथ शामिल हुए। वह कभी भुलाया न जा सकने वाला अनुभव था।