एजुकेशन को लेकर उठे सवाल तो अनन्या पांडे ने सोशल मीडिया पर यूं दिया सबूत, अफवाहों पर लगाया पूर्ण विराम
चंकी पांडे की बेटी और एक्ट्रेस अनन्या पांडे ने फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' से बॉलीवुड में डेब्यू किया है। कम ही समय में उनके फैंस की संख्या लाखों तक पहुंच गई है। हाल ही में अनन्या पांडे कॉलेज में अपने दाखिले को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई थीं, लेकिन अब अभिनेत्री ने इन सभी अफवाहों पर पूर्ण विराम लगा दिया है।
अनन्या पांडे ने अपने रिकॉर्ड को स्पष्ट करने के लिए दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से अपना स्वीकृति (एक्सेप्टेंस) पत्र शेयर किया है जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि उन्हें 2019 में एडमिशन की पेशकश की गई थी, जिसके बारे में उनके सहपाठियों ने इन सब बातों को झूठा करार किया था।
अनन्या के शानदार डेब्यू के बाद से उन्हें रातोंरात सेंसेशन बनता देखना उनके किसी सहपाठी के लिए आसान नहीं था और यह सब अफवाह ही अभिनेत्री को नीचे खींचने का एकमात्र तरीका थीं। खैर, स्पष्ट रूप से वे इसमें असफल रहे हैं।
अनन्या ने सोशल मीडिया पर दुनिया के सामने अपने दस्तावेज शेयर करते हुए लिखा, मैं ऐसा नहीं करना चाहती थी। मुझे ऐसा महसूस नहीं हुआ कि मुझे किसी के सामने सफाई देने की जरूरत है, लेकिन यूएससी में मेरे दाखिले की अफवाहों ने कुछ समय से तूल पकड़ा हुआ है। यह स्तिथि अब हाथ से निकल रही हैं। यह और भी अनुचित और दुखद है कि मेरे परिवार और दोस्तों को इससे गुजरना पड़ता है।
अनन्या ने लिखा, जैसा कि मैं पहले भी बता चुकी हूँ कि मुझे स्प्रिंगबर्ग 2018 सेमेस्टर में डिग्री के लिए यूएससी में ऐनबर्ग स्कूल फॉर कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म द्वारा स्वीकार किया गया था। लेकिन जब मैं अपनी पहली फिल्म की शूटिंग कर रही थी और रिलीज की तारीख भी आगे बढ़ा दी गई तो मुझे दो बार मेरे एड्मिसन पोस्टपोन करने के लिए अनुरोध करना पड़ा, सबसे पहले 2018 में और फिर साल 2019 में जिसके लिए वह राजी हो गए।
अनन्या ने लिखा, मेरे मामले में, मैं केवल अपना प्रवेश दो बार टाल सकती थी इसलिए मैं विश्वविद्यालय में अभी के लिए उपस्थित नहीं हो सकती, क्योंकि मैंने अभिनय में अपना करियर बनाने का फैसला किया है। उन लोगों के लिए जो इन आरोपों के साथ मुझे नीचे खींचने की कोशिश कर रहे हैं, मैं आप सभी को बहुत प्यार, स्नेह और शांति भेजना चाहती हूं। और यह भी कहना चाहूंगी कि भले ही वे मेरे सहपाठी होने का दावा कर रहे हैं- मुझे यकीन है कि वे नहीं हैं क्योंकि मैं उन लोगों के साथ बड़ी हुई हूं जिनके साथ मैं स्कूल गई थी और वे कभी मेरे साथ ऐसा नहीं करेंगे।