इसमें साईबाबा के बचपन का रोल मास्टर आर्यन महाजन, युवावस्था का रोल सार्थक कपूर तथा वृद्धावस्था का रोल समर जयसिंह कर रहे है। धार्मिक धारावाहिकों के मशहूर लेखक विकास कपूर इस धारवाहिक के निर्माता एवम् लेखक है। जिन्होंने अब-तक लगभग 6000 घंटों के कार्यक्रम अपनी कलम से लिखे हैं।
उनकी फिल्म 'शिर्डी साईबाबा' को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अपने नए धारावाहिक के बारे में कपूर का कहना है, मैं चाहता था कि साईबाबा का जीवन चरित्र जो बहुत प्रेरक और महान है, जन जन तक पहुंचे, इसलिए आज से 6 साल पहले मैंने धारावाहिक को दूरदर्शन किसान में भेजा था और साईबाबा की अनुकम्पा से पिछले साल दूरदर्शन ने इसे हरी झंडी दे दी और अब यह लोगों तक पहुंचने जा रहा है।
उनकी फिल्म 'शिर्डी साईबाबा' को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अपने नए धारावाहिक के बारे में कपूर का कहना है, मैं चाहता था कि साईबाबा का जीवन चरित्र जो बहुत प्रेरक और महान है, जन जन तक पहुंचे, इसलिए आज से 6 साल पहले मैंने धारावाहिक को दूरदर्शन किसान में भेजा था और साईबाबा की अनुकम्पा से पिछले साल दूरदर्शन ने इसे हरी झंडी दे दी और अब यह लोगों तक पहुंचने जा रहा है।

लोग राम व कृष्ण के पैदा होने से लेकर भगवान व अवतार बनने की कहानी तो जानते है, लेकिन साईबाबा के बचपन और युवावस्था की कहानी नहीं जानते है। साईबाबा के बचपन का संघर्ष, साधना, तपस्या आदि को विस्तार से इस शो में दिखाया गया। इसके लेखन में मेरे द्वारा लिखी पुस्तक साई की आत्मकथा, श्री साई सच्चरित्र, खापर्डें की डायरी, साईलीला पत्रिका इत्यादि का सहयोग लिया गया है।
साईबाबा के युवा अवस्था की भूमिका निभाने वाले युवा व टैलेंटेड प्रतिभाशाली अभिनेता सार्थक कपूर कहते है, यह मेरे लिए काफी चैलेंजिंग था, मुझे इसके लिए काफी मेहनत भी करनी पड़ी। मैं साईबाबा को हमेशा संकट की घडी में याद करता हूँ और वे ही हमेशा मेरी मदद करते है। उनका चरित्र निभाना, मैं उन्हीं की कृपा मानता हूँ। मुझे सबसे अधिक मेहनत बोलने के तरीके पर करनी पड़ी, क्योकि जो हमलोग बोलते है या जो हमारे बोलने का तरीका है व संतों और फ़क़ीरों से काफी अलग है।
धारावाहिक के निर्देशक चंद्रसेन सिंह व विजय सैनी ने बताया कि साईबाबा के पूर्ण जीवन को दिखाना और उस समय को दर्शाना काफी मुश्किल काम था, लेकिन विकास कपूर के लेखन और उनके अनुभव का साथ होने के कारण, हमें लगता है कि साईबाबा के जीवन के उद्देश्य, उनके ज्ञान, जन समस्याओं के समाधान का तरीका, लोगों तक पहुँचाने में हमलोग जरूर कामयाब होंगे।