बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में लगभग 50 साल से सक्रिय हैं। उन्होंने इस दौरान तमाम बड़े निर्देशकों के साथ काम किया और कई शानदार फिल्मों में अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरा। अमिताभ ने सफलता की जो बुलंदी हासिल की है, वहां तक पहुंचना किसी भी एक्टर का ख्वाब होता है।
कई सुपरहिट फिल्में देने के बावजूद अमिताभ बच्चन को करियर में एक बात का हमेशा अफसोस रहा है। बिग बी ने साल 2017 में खुलासा किया था कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि वह कभी निर्देशक सत्यजीत रे के साथ काम नहीं कर पाए।

अमिताभ ने कहा था, सत्यजीत जैसे महान निर्देशक के साथ काम करने का अवसर चाहता था, लेकिन कभी मिला नहीं। एक-दो बार जब उनसे मुलाकात हुई थी तो वे कहते थे हमें साथ में एक फिल्म करनी चाहिए। सत्यजीत के काम करने का तरीका लाजवाब था। मैंने उन्हें एडिटिंग करते हुए देखा था।
उन्होंने कहा, एक बार मैं कोलकाता गया था तब उन्होंने मुझे अपने एडिटिंग रूम में बुलाया। आज तो सब कुछ डिजिटल होने के कारण एडिटिंग करना आसान है लेकिन सत्यजीत उस दौर में इतने मुश्किल काम को काफी आसानी से कर जाते थे। वह पूरी फिल्म को रोक-रोककर काटते थे, उनका अनुमान इतना कमाल का था कि वह हमेशा सही जगह कट लगाते थे।
बता दें कि अमिताभ बच्चन ने सत्यजीत रे की एकमात्र हिन्दी फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' में वॉयस ओवर दिया था। यह फिल्म साल 1977 में रिलीज हुई थी और काफी सराही गई थी। सत्यजीत रे पाथेर पांचाली, अपराजितो, आपुर संसार जैसी फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं।