‘अज्ञात’ की समीक्षा पर भड़के रामू
अपनी फिल्म ‘अज्ञात’ की मीडिया में हुई समीक्षा से राम गोपाल वर्मा खासे गुस्से में हैं। ‘अज्ञात’ पर की गई टिप्पणियों के बाद रामू समीक्षकों पर अपनी भड़ास निकालने से भी नहीं चूक रहे हैं।रामू ने अपने ब्लॉग पर लिखा है ‘‘अज्ञात की अधिकतर समीक्षाओं को देखकर ऐसा लगने लगा है कि मैंने कैमरे के आविष्कार के बाद से अब तक की सबसे खराब फिल्म बनाई है। अगर समीक्षक की एकमात्र शैक्षणिक योग्यता उसका फिल्म पर मत रखना है तो मैं निश्चित तौर पर जानना चाहूँगा कि अखबार समीक्षकों की कैसे नियुक्ति करते हैं।’’ रामू के मुताबिक ‘‘लगभग 20 साल पहले एक समीक्षक ने मेरी पहली फिल्म ‘शिवा’ की समीक्षा करते हुए इसे बिल्कुल बेकार कहा था। वह समीक्षक आज कई जाने-माने मीडिया हाउस से निकाले जाने के बाद एक ऐसी वेबसाइट के लिए फिल्म समीक्षा कर रहा है, जिसे बमुश्किल पाँच लोग भी नहीं पढ़ते होंगे।’’ रामू यहीं नहीं रुके। आगे उन्होंने लिखा ‘‘इससे भी ज्यादा डराने वाली बात यह है कि वह समीक्षक एक निहायत ही बेकार फिल्म बनाने के बाद एक और फिल्म बनाने जा रहा है। मुझे लगता है कि यह खबर दर्शकों के लिए मेरी किसी भी डरावनी फिल्म से भी ज्यादा डरावनी है।’’ रामू ने लिखा है ‘‘समीक्षा लिखने का एकमात्र उद्देश्य लोगों को फिल्म के प्रति जानकारी देना और उनके दिमाग में फिल्म के प्रति एक रुख बनाना होता है, लेकिन समीक्षकों को पढ़ कर कोई यह यकीन कर सकता है कि उनका एकमात्र उद्देश्य यही है। फिल्म अन्य व्यावसायिक उत्पादों की तरह का एक उत्पाद है, इसलिए सिर्फ सिनेमा उद्योग के खिलाफ ही क्यों ऐसा व्यवहार किया जाता है। बाजार में उपलब्ध हर उत्पाद की ऐसे ही समीक्षा करते हुए मीडिया को उपभोक्ताओं को उसकी जानकारी देनी चाहिए।’’ रामू ने अपना गुस्सा प्रदर्शित करते हुए लिखा है ‘‘मीडिया को क्या सिर्फ सिनेमा का ही मजाक उड़ाने, फिल्मों की लगातार समीक्षा करने और गलत तरीके से उनका संदेश प्रदर्शित करने का अधिकार है। समीक्षक यह नहीं महसूस करते कि एक फिल्म से हजारों लोगों और उनके परिवारों का भविष्य जुड़ा होता है। वे यह नहीं सोचते कि उनकी ऐसी समीक्षा से फिल्म से जुड़े लोग कितना दु:खी महसूस करते होंगे।’’
(भाषा)