'मैं बहुत बड़ा सेलिब्रिटी तो नहीं हूं लेकिन मुझे इतना मालूम है कि जब आप एक्टर बन जाते हैं तो आपकी पर्सनल लाइफ, पब्लिक लाइफ बन जाती है। लेकिन फिर भी मुझे हमेशा लगा कि मैं एक अच्छा इंसान बन सकूं।' ये कहना है अभिनेता उपेन पटेल का जिनकी अगली फिल्म 'एक हसीना थी एक दीवाना था' हाल ही में रिलीज हुई है। 'वेबदुनिया' संवाददाता रूना आशीष ने उपेन से उनकी जिंदगी और करियर से जुड़ी कुछ बातें कीं।
आपने बड़ी ही खूबसूरती से अपने और करिश्मा तन्ना के साथ अपने रिश्ते को बताया और खत्म भी बहुत सौहार्द तरीके से किया, जो आमतौर पर नहीं होता है?
मेरी मां ने भी मुझे हमेशा सिखाया कि सबसे बड़े तमीज से पेश आना। अच्छा करियर बनाओ, अपने काम की इज्जत करो, अपनी जिंदगी में जो लोग हैं, उनकी इज्जत करो। किसी के लिए भी गलत बात मत करो, किसी का भी अपमान मत करो। उपेन आगे बताते हैं कि मुझे कई बार इरोटिका भी करने को मिलती है लेकिन मैं नहीं करता। शायद आप सोचेंगे कि मैं यूनाइटेड किंगडम से हूं तो मेरे लिए ये सब बातें बहुत आम हो जाती होंगी, लेकिन सच तो ये है कि हम लोग ज्यादा अपनी जड़ों के और करीब आ जाते हैं। यहां तो फिर भी महिलाएं शर्ट या पैंट पहन लेती हैं, मेरी मां तो हमेशा सलवार सूट में ही रही हैं। मैंने सोचकर रखा है कि मैं वही फिल्में करूंगा, जो मैं अपनी मां और अपनी दादी के साथ बैठकर देख सकूं। जब वे मुझे देखें तो वे खुश हों और कहें कि मेरा बेटा बहुत अच्छी फिल्में कर रहा है। जब 'नमस्ते लंदन' में एक सीन में मुझे मेरे पिता थप्पड़ मारते हैं, तो वह मेरी मां को इतना बुरा लगा कि उन्होंने आज तक मेरी फिल्म 'नमस्ते लंदन' नहीं देखी है।
आपके परिवार के बारे में कुछ बताइए?
मेरी मां और पिता अफ्रीका से इंग्लैंड आए थे तब मां एक पेट्रोल स्टेशन पर अटेंडेंट थीं और फिर मेरे पिता उसी पेट्रोल पंप में मैनेजर थे। दोनों ने बहुत सारा काम किया है और फिर बड़ी मेहनत से मुझे पढ़ाया है। उन्हें लगता था कि मेहनत करके बच्चों को जब अच्छी परवरिश मिलती है तो वे अच्छा काम करके इज्जत कमा सकते हैं।
आप यूके के रहवासी हैं, वहां 'ब्रांड इंडिया' कैसा है?
इंग्लैंड में प्रधानमंत्री मोदी ने 'ब्रांड इंडिया' को बनाया है। वहां सभी लोग जानते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री कौन हैं। मोदीजी ने बहुत काम किया है। हमारे देश में जो इज्जत मोदीजी को दी जाती है, वो बहुत ज्यादा है। यहां मैंने कई लोगों को कहते सुना कि अगर मोदी भारत में नहीं हैं, तो वे क्या काम कर रहे हैं। लेकिन वे अगर देश के बाहर हैं, तो शायद वे देश के लिए टेक्नोलॉजी लेकर आ रहे हैं या बिजनेस की बात कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने एनआरआईज के लिए भी बहुत काम किया है?
हां, मोदीजी ने एनआरआईज के लिए भी बहुत काम किया है। एनआरआई के पास पैसे बहुत होते हैं, क्योंकि लोग डॉलर व पाउंड्स में कमा रहे हैं। मोदीजी ने उन्हें अपने पैसे देश की दूसरी जगहों पर इन्वेस्ट करने के बारे में बताया है। अगर पैसे आएंगे तो पढ़ाई पर भी ध्यान दिया जाएगा और शहर का पूरा विकास होगा।
आपकी पढ़ाई ब्रिटेन की है तो आपने वहां भारत के बारे में क्या पढ़ा?
मैं ब्रिटेन में महात्मा गांधी के बारे में पढ़ चुका हूं। हमने पढ़ा कि कैसे उन्होंने अहिंसा के रास्ते पर चलकर भारत देश को आजाद कराया है। कैसे उनका नाम 'महात्मा' पड़ा और वे कितने महान शख्स थे।