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Last Modified: सोमवार, 26 अप्रैल 2021 (13:46 IST)

'मैं हीरो बोल रहा हूं' में एकदम अलग किरदार में नजर आएंगे पार्थ समथान

'मैं हीरो बोल रहा हूं' में एकदम अलग किरदार में नजर आएंगे पार्थ समथान - parth samthaan web series main hero boll raha hun
मुझे जब कोविड-19 हुआ तो मैं डरा नहीं था। सच कहूं तो 1 दिन थोड़ी तकलीफ हुई दूसरे दिन थोड़ी तकलीफ कम हुई और तीसरे दिन से मैं बिल्कुल कसरत करने की हालत तक पहुंच गया था। मेरे लिए कोविड-19 होना बहुत डरावनी बात नहीं थी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं यह चाहूंगा कि लोग कोविड को इतना आसानी से और सरलता से लें। भगवान करे सब लोगों की इम्युनिटी मेरे जैसी मजबूत हो कि कोविड आएं और चला जाए और आपको बहुत ज्यादा फर्क भी ना पड़े।

 
यह कहना है पार्थ समथान का जो 'मैं हीरो बोल रहा हूं' इस नई वेब सीरीज में मुख्य किरदार में नजर आने वाले हैं। हमेशा कसौटी जिंदगी की और यारियां में सुलझा और समझदार का किरदार निभाने वाले पार्थ इस बार नवाब आम वाले शख्यीत की भूमिका निभा रहे हैं। नवाब वह शख्स है जो अंडरवर्ल्ड और बॉलीवुड के बीच में अपनी पैठ बनाता है और मुंबई पर राज करता है।
 
पत्रकारों से बात करते हुए पार्थ समथान ने बताया कि जब इस वेब सीरीज की शूटिंग शुरू हुई तब मेरे पास और भी दूसरे काम थे। मैं कसौटी जिंदगी की में बहुत संजीदा रोल निभाता था। बहुत ही मृदुभाषी और मितभाषी इंसान रोल निभाता था और जैसे ही वह शूट खत्म हुई कि मैं पहुंच जाता अपनी वेब सीरीज की शूट करने के लिए। इसमें मुझे बहुत ही लाउड, गालियां बकने वाला और बात बात पर गुस्सा दिखाने वाला कुछ इस तरीके का रोल करना पड़ता था।
 
उसके बाद लॉकडाउन लग गया। लॉक डाउन के बाद जैसे ही शूट शुरू हुई, उसके बाद थोड़ी सहूलियत भरे समय आया क्योंकि तब तक कसौटी जिंदगी की शूटिंग खत्म हो गई थी। यानी अब मेरे पास पूरा समय था जो मैं इस नवाब के रोल में डूब जाऊं। उसके बाद मुझे अपने आप को दो हिस्सों में बांटने की जरूरत नहीं पड़ी।
 
पार्थ आगे बताते हैं कि इस रोल को करना मेरे लिए इसलिए जरूरी था क्योंकि अभी तक जो टेलीविजन के जरिए मेरी इमेज बनी है, वह बहुत ही गुड बॉय की है। लेकिन बतौर एक्टर मुझे और भी कुछ नया करने की इच्छा है। हर बार कुछ नया करो और लोगों का प्यार पाते रहो। ऐसे में जब यह वेब सीरीज मेरे सामने आई तो मुझे यह रोल बहुत अच्छा लगा। ऐसा लगा कि लोग मुझे देख कर चौकेंगे जरूर या हो सकता है उन्हें दुख हो या हो सकता होने खुशी हो। मुझे वह इमोशन चाहिए था जहां लोगों को मुझे देखकर झटका तो जरूर लगे। 
 
ऐसे में नवाब का किरदार एक अच्छा मौका रहा। इसमें मेरे लुक को देखकर भी लोगों को लगा कि है। मैं तो हूं ही नहीं। कई लोग मुझे बोले हैं तुम तुम जैसा तो बिल्कुल नहीं लगता है। कई लोगों को मेरे फूल पत्ती वाले शर्ट पसंद आए। हमने कोशिश की है कि नवाब जब भी स्क्रीन पर आए तो हर चीज बड़ी ही रंगी बिरंगी लगे। नवाब किस तरीके का इंसान है?
 
नवाब छोटे शहर का लड़का है। अपने सपने लेकर मुंबई आता है कि कुछ कर गुजरे। और फिर थोड़ा सा लड़कियों में ज्यादा ध्यान देता है। कुछ बदमाशियां ज्यादा करता है। बहुत मस्तीखोर है, बड़े-बड़े सपने देखता है। छोटे शहर वालों में कुछ लोगों में एक आदत रहती है। बड़ी -बड़ी, लंबी- लंबी फेंकते रहते हैं लेकिन जो नवाब है अगर वह लंबी फेकता भी है तो वह उसे सच भी कर दिखाने की हिम्मत रखता है। फिर उसकी जिंदगी में ऐसा कुछ हो जाता है कि उसे लगता है कि अब मेरा समय आ गया है। अब मुझे पूरी मुंबई को जीत लेना चाहिए। 
 
वह बॉलीवुड और क्राइम की बीच की कड़ी बन जाता है कैसे वह अपराध की दुनिया में कदम रखते रखते। अपराध को साथ लेकर चलते चलते बॉलीवुड में कूद जाता है। और फिर वहां सब को यह बताता है। कि मैं आ गया हूं। मेरा समय आ गया है और मैं हूं, मैं हीरो हूं और मैं हीरो बोल रहा हूं।
 
इसमें आप कहते हैं, मैं हीरो बोल रहा हूं तो आपके जिंदगी का हीरो कौन है?
मेरी जिंदगी में अलग अलग तरीके के हीरो रहे हैं। मुझे एम एस धोनी का नेचर बहुत पसंद है तो कभी कोई क्रिकेटर पसंद आ जाता है। ऐसे में मैं कहूंगा कि मुझे एक्टर से आमिर खान ,रितिक रोशन, संजय दत्त बड़े पसंद आते हैं। वह मुझे हमेशा प्रेरणा देते रहते हैं कि मैं काम करता रहूं, मेहनत करते रहो।
 
और आप खुद कितने फिल्मी हैं?
मैं बचपन से एक नंबर का फिल्मी इंसान हूं। मुझे टीवी देखने का बहुत शौक है। मतलब इतना है कि मैं 1 दिन में चार 4 घंटे तक टीवी देखता रहता था। टेबल के नीचे से घुसकर नीचे से छुपकर बस टीवी देख रहा था और उस समय आने वाली हर फिल्म को देखता था और अपने सपने में भी यही सोचता रहता था। टीवी देखने की लत मेरी इतनी ज्यादा हो गई थी कि मुझे चश्मा लग गए थे। एक बार मैंने कहो ना प्यार है, देखी थी और उसके बाद रितिक रोशन के काम को देखकर लगा कि बस अब मुझे हीरो ही बनना है। 
 
इस रोल को निभाने के लिए कोई खास होमवर्क किया।
मैंने 90 के दशक की कई फिल्में देखी जैसे सत्य और वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई, कंपनी। ये ऐसी फिल्में थी जो अंडरवर्ल्ड और। बॉलीवुड के कनेक्शन को दिखा चुकी थी। यह फिल्म मैंने देखी गहराई से उसका अध्ययन किया। मुझे वास्तव भी बड़ी अच्छी लगी थी। लेकिन असल जिंदगी में मैं ऐसा नहीं हूं। मुझे अपने पावर का गलत फायदा उठाना अच्छा नहीं लगता है। मैं कोशिश करता हूं कि छोटे मोटे तौर पर ही सही आस पड़ोस में मदद करता रहूं। 
 
मुझे बहुत अच्छा लगता है यह सब करना जब यह रोल भी आया तो एक बहुत बड़ा चैलेंज था। इसलिए क्योंकि मैं असल जिंदगी में बिल्कुल भी ऐसा नहीं हूं कि मैं गालियां दे रहा हूं या बड़ी ही चीख चिल्लाकर किसी से बात कर रहा हूं। जब यह रोल करने के लिए सेट पर पहुंचा तो थोड़ा सा डर भी गया था कि मैं कैसे इतना क्रूर बन जाऊं। लोग मुझे देखें मुझे यानी नवाब को देखें और नवाब से लोगों को डर लगे। 
 
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