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Last Modified: शुक्रवार, 29 अक्टूबर 2021 (18:34 IST)

बेयर ग्रिल्स ने बताया, जंगलों में सर्वाइव करते समय किन बातों का रखना पड़ता है ध्यान

बेयर ग्रिल्स ने बताया, जंगलों में सर्वाइव करते समय किन बातों का रखना पड़ता है ध्यान - into the wild bear grylls shares how difficult to survive in jungle
मेरा भारत का अनुभव बहुत ही सुंदर रहा है। यह एक अविश्वसनीय देश है। मुझे यहां के लोग यहां की संस्कृति बहुत पसंद आई है। सबसे महत्वपूर्ण रहा यहां कई तरीके के इलाके हैं जहां मुझे जाने का मौका मिला। इस बार जब मैं भारत में शूट करने के लिए आया हूं तो अलग-अलग इलाकों को देखना मिला।

 
मैंने इस बार एक सुनसान से द्वीप पर शूट किया था। मेरे साथ अजय देवगन भी शूट कर रहे थे। यह द्वीप जहां पर बहुत सारी शार्क हुआ करती थी बहुत ही गर्मी थी, पीने के लिए पानी भी कम था आस पास बहुत छोटी बड़ी चट्टानें थीं। कहा जाए तो यह द्वीप हम दोनों के लिए बहुत ही चुनौती भरा था। यह कहना है बेयर ग्रिल्स का जो 'इनटू द वाइल्ड' नाम के शो के लिए भारत में आए थे। 
 
बेयर आगे बताते हैं, इसमें एक बात अच्छी यह हुई कि जब आप इस तरीके से कोई काम करते हैं या शूट करते हैं और आपका कोई साथी हो तो आपको उसके असली व्यवहार के बारे में पता चलता है। अजय जब मेरे साथ है, मैंने उनका बहुत अलग रूप देखा। और सच कहूं तो मुझे वह बहुत ही अच्छे लगे। मैं आज उनकी बहुत ज्यादा इज्जत करता हूं।
 
आपने अजय देवगन के साथ शूट किया आपको क्या अच्छा लगा उनके व्यवहार में
मेरे हिसाब से जब आप अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हो या सर्वाइवल की लड़ाई लड़ रहे हो तब आपका अंदर का व्यक्तित्व बाहर निकल कर आ जाता है और मुझे इस मामले में अजय की बहुत सारी तारीफ करनी पड़ेगी। बहुत बार ये होता है कि जब आप पर कोई मुसीबत आती है तो आपका ईगो या आपका अहम सामने आ सकता है। लेकिन अजय बहुत ही नम्र स्वभाव के हैं बहुत ही विनयशील है और बहुत दोस्ताना व्यवहार रहा उनका मेरे साथ। वह अपने परिवार से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं। इसलिए मैं उन्हें फैमिली मैन भी कहता हूं।
 
जब असली जिंदगी की बात आई तब मुझे अजय की कई सारी बातों की मालूमात हुई। उन्होंने अपनी निजी जिंदगी की जो कहानी मुझे सुनाई, उसमें बहुत ही इंसानियत भरी थी। बहुत ही सादगी पूर्ण था और बहुत ईमानदारी थी और यह तीनों ही बातें मुझे प्रभावित कर गई। इन बातों की वजह से जो उनके व्यक्तित्व में चमक आती है, मुझे वह बहुत अच्छा लगा। मैं उनकी हमेशा तारीफ करूंगा।
 
आप इतने सालों से सर्वाइवल वाली कई सीरीज करते आए हैं। क्या अभी भी आपको शूट करने में डर लगता है?
बिल्कुल मैं जब भी किसी शूट पर जाने वाला रहता हूं, मुझे अंदर से एक थोड़ी सी घबराहट सी होती है। नर्वसनेस होती है जिससे मैं अच्छा भी मानता हूं। एक अच्छी निशानी होती है नए काम को शुरू करने की। मैं इस नर्वसनेस को बहुत ज्यादा संजीदगी से भी लेता हूं।
 
इसका कारण यह भी है कि जब मैं किसी के साथ शूट पर जा रहा हूं मसलन इस बार जब मैं अजय के साथ शूट पर गया था तो मेरे ऊपर जिम्मेदारी थी। एक पूरे इंसान की कहीं इसे कुछ लग ना जाए। या कहीं उसे कोई ऐसी परेशानी ना हो जाए जो जिंदगी भर तक साथ रहे और फिर कुछ ही पलों में जहां आप आरामदेह जीवन जी रहे होते हैं, कुछ पल हुए और उसके बाद आप बिल्कुल ही विकट परिस्थितियों का सामना करते हुए और प्रकृति के बीच में प्रकृति से जूझते हुए आगे बढ़ते हैं। 
 
मुझे याद है मैं और अजय, हम दोनों की बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी। बहुत मजेदार समय बीता अजय के साथ चाहे फिर वह साथ में द्वीप पर जाना हो या फिर साथ में राफ्ट बनाना हो, तैरना हो, एक जगह से दूसरी जगह पर जाना हो। इसलिए मैं हमेशा कहता हूं जब प्रकृति के बीच में आप रहते हैं तो आपका और दूसरे इंसान का जो रिश्ता बनता है, वह बंधन बहुत मजबूत होता है।
 
जब भी सर्वाइवल शो करते हैं और अलग-अलग इलाकों में जाना पड़ता है तो ऐसी क्या बातें होती है जो बहुत जरूरी होती हैं?
तीन बातें जो हर एक को मालूम होनी चाहिए जो आपको बहुत मदद करती हैं, पहला है सेंस ऑफ ह्यूमर, आप पता नहीं किस तरीके के माहौल का सामना करेंगे। पता नहीं आप जाते-जाते किस चीज के सामने पड़ जाएंगे और क्या चीज आपके सामने आ जाएगी तब बेहतर है अपने आप को थोड़ा सा खुशमिजाज रखें। और आगे बढ़ते जाएं। कई बार हो सकता है आपको अपने सफ़र में पूरी की पूरी प्लानिंग ही बदल देनी पड़े और आपने जो सोचा था, वह नहीं हो सके तो इतना खुले दिल से सोचने की जरूरत होती है।
 
दूसरी बात अगर मैं कहूं तो वह है शांत चित्त होना। बहुत सारे बदलाव आते हैं। मौसम खराब हो जाता है। प्रकृति आपको नए नए चुनौतियों के सामने फेंक देती है लेकिन शांत चित्त रहेंगे तो हर मुसीबत को पार कर जाएंगे। तीसरी और एक और जो बहुत अहम बात है वह है कभी हार ना मानना। प्रकृति चाहे जो करें, आपको यह मान कर चलना है और मन में ठान कर चलना है कि अगर मैं निकला हूं सफर पर उसे खत्म करना ही होगा और सही सलामत सुरक्षित जगह पर मुझे पहुंचना ही होगा। 
 
इस बार भी जब मैंने अजय के साथ शूट किया तो मुझे बहुत अच्छी बातें उनकी देखने को मिली। वह कभी हार नहीं मानते थे। राफ्ट बनाने को लेकर ही अगर मैं बात कर लूं। उन्हें बहुत ज्यादा मालूमात नहीं थी, लेकिन हार ना मानते हुए उन्होंने मेरा साथ दिया। हमने राफ्ट बनाई और आगे बढ़ते गए और यह बात हर एक में होना बहुत जरूरी है और यह तीन बातें हैं जो सर्वाइवर शो के लिए बहुत जरूरी होती है।
 
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