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Written By रूना आशीष
Last Updated : शनिवार, 19 फ़रवरी 2022 (14:21 IST)

गंगूबाई के किरदार में अभी भी हूं, आलिया भट्ट से वेबदुनिया की Exclusive बातचीत

Alia Bhatt talks about her character from Gangubai Kathiawadi गंगूबाई के किरदार में अभी भी हूं, आलिया भट्ट से वेबदुनिया की Exclusive बातचीत - Alia Bhatt talks about her character from Gangubai Kathiawadi
मैं कभी भी उन एक्ट्रेसेस में से नहीं रही जो सिर्फ अपने लुक्स पर ध्यान देती है। मेरा मानना है कि आप बड़ी खूबसूरत हैं, लेकिन आपकी खूबसूरती आपके परफॉर्मेंस में कहीं झलक नहीं रही है, ना ही उसको बेहतर बना रही है तो क्या करना है ऐसी खूबसूरती का। मुझे गंगूबाई का रोल दिया गया। उसमें अलग-अलग रंग भी दिखाने थे। मैंने एक पल के लिए भी नहीं सोचा कि मैं कैसी दिखने वाली हूं। एक बात तो तय है कि अगर संजय लीला भंसाली की फिल्म आप कर रहे हैं, तो आपको लुक्स पर ध्यान देने की जरूरत ही नहीं है। इन सारी बातों का ध्यान संजय लीला भंसाली आप से बेहतर रखते हैं।
 
यह कहना है आलिया भट्ट का, जो 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में दमदार किरदार में दिखाई देंगी। इस फिल्म का सफर बड़ा ही रोमांचक रहा है,  दर्शकों के लिए भी और आलिया के लिए भी। मीडिया से बातचीत करते हुए आलिया भट्ट ने बताया- "संजय लीला भंसाली के साथ काम करना बहुत अलग अनुभव है। मैं हमेशा से उनके साथ काम करना चाहती थी। वे पारखी किस्म के निर्देशक हैं। दूर से देख कर भांप लेते हैं कि आपको अपने काम से, अपने कैरेक्टर से, कितना प्यार है। कितनी गहराई में जाकर आप रोल में डूबते हैं।"


 
सुना है संजय लीला भंसाली बहुत गुस्सा करते हैं? 
हां, हो सकता है, लेकिन ऐसा मेरे साथ तो कभी नहीं हुआ। संजय जी मुझ पर गुस्सा क्यों करेंगे, मैं अपना काम अच्छे से कर रही थी। उन्होंने जो कहा मैंने किया। गुस्सा इंसान तभी होता है, जब उसके सोचे-समझे तरीके से बात निकल कर नहीं आ रही हो। मुझे तो लगता है कि हम सभी एक-दूसरे पर चिल्लाते रहते हैं और वैसे भी क्रिएटिव दुनिया में एक-दूसरे पर गुस्सा करना आम बात है। 
 
क्या आप गंगूबाई के किरदार से बाहर निकल पाईं? 
नहीं, मैं अभी भी उसी किरदार में हूं। दरअसल हुआ यह कि इस फिल्म को हमने 2 सालों तक शूट किया। कोविड आने के पहले, फिर ब्रेक हुआ, फिर शूटिंग शुरू हुई। तो मेरे लिए इस किरदार से बाहर निकलना सही नहीं होता क्योंकि कभी भी शूट शुरू हो सकती थी। मैं अगर कैरेक्टर में नहीं रही तो गलत हो जाता। शूट के खत्म होने के बाद डबिंग का समय आया और संजय सर की डबिंग 6 महीने तक चल सकती है। वह हर लाइन को अलग-अलग तरीके से बुलवाने में यकीन रखते हैं। एक वाकया बताती हूं। जब मैं रॉकी रानी की शूटिंग के लिए बाहर गई थी। जब लौटी तो डबिंग फिर से शुरू की। तब मेरी असिस्टेंट ने मुझे बताया कि आपकी आवाज बिल्कुल भी गंगूबाई जैसी नहीं लग रही है। मैं टेंशन में आ गई कि मैं कहीं अपने किरदार को भूल तो नहीं गई। दो सेकंड के लिए चुप्पी साधी और फिर बोलना शुरू किया। अब तो मेरी यह हालत है कि आने वाले समय में गंगूबाई काठियावाड़ी पर कोई शो भी बना तो मैं उसमें भी एक्टिंग कर लूंगी। 
आपको फिल्म इंडस्ट्री में 10 साल पूरे हो गए हैं। कैसा रहा यह सफर?
मुझे तो यकीन नहीं होता कि 10 साल पूरे हो गए। ऐसा लगता है अभी तो शुरू हुआ था, लेकिन बहुत सारे उतार-चढ़ाव भी देखे। एक के बाद एक पॉवरफुल रोल मिले हैं मुझको। ऐसा लगता था काम में कितनी रम गई हूं मैं। कब जनवरी से दिसंबर हो गया पता ही नहीं चलता था। सारा समय सिर्फ काम- काम चलता रहता है।
 
ट्रेलर में हमने देखा कि एक सीन में आपको ग्राहकों को अपनी ओर बुलाना है। आप बुला तो रही है लेकिन आंखें कुछ और कह रही हैं। क्या है वो सीन?
यह एक बड़ी बात है, जो आमतौर पर एक्टर्स किसी से साझा नहीं करते हैं, लेकिन आपने पूछा है तो बताती हूं। ये एक नई लड़की है। उसे कोठे पर लाया गया है जिसके बारे में वह कुछ नहीं जानती। उसे सिखाया जाता है कि लोगों को कैसे आकर्षित करना है। वह लोगों को बुला रही है, आकर्षित करने के लिए नहीं बल्कि यह कह रही है कि तुम मुझे आकर बचा लो।' 
 
ट्रेलर में एक सीन है जहां आप सामने वाले को बहुत जोर से लात मारती हैं। यह बहुत चौका देने वाला सीन है। 
यह मेरा पसंदीदा सीन में से एक है। हालांकि मैं आपको पहले ही बता दूं कि मुझे इस तरीके से किसी पर हिंसा करना बहुत डरावना लगता है। उसमें हुआ यह था कि जब यह सीन चल रहा था गंगूबाई सामने वाले को कहती कि तुम रजिया की बात करते हो तो मुझे उल्टी आती है और सामने वाला औकात की बात कहता है कि तेरी औकात ही क्या है। अब आप समझिए जो औरत पहले ही बुरी स्थिति में हो, रोज जीवन के लिए बहुत ज्यादा उठापटक में जी रही हो और ऐसे में भी कोई आकर उसे कह दे कि औकात क्या है तो फिर उसका दिमाग खराब होता है, वो अपने आप को संभाल नहीं पाती और लात मारती है। मैंने कभी किसी को मारा तो है नहीं इसलिए यह सीन कठिन लग रहा था। संजय सर बोल रहे थे नहीं तुम कर लोगी। सामने जो एक्टर खड़े थे वह भी बोले कि मैडम हमें कोई परेशानी नहीं होगी। पर मुझसे नहीं हो रहा था। सिर्फ यही सीन क्यों जब गली ब्वॉय में मुझे सिर पर बोतल भी मारनी थी तो लोगों को दिखा कि मैंने मार दिया पर असल में मेरे हाथ कांप रहे थे। मैं बहुत मुश्किल से सीन पाई थी। 
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