द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के ट्रेलर में नजर नहीं आए ये बड़े नेता, गांधी परिवार के अलावा इनके हैं ख़ास रोल
द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर 11 जनवरी को रिलीज होने के लिए एकदम तैयार है। फिल्म का ट्रेलर जारी होने के बाद से ही फिल्म को लेकर दर्शकों की उत्सुकता चरम पर है। इस फिल्म में गांधी परिवार के कुछ ख़ास सदस्य और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की भूमिका निभा रहे कलाकारों के अलावा इसी नाम की किताब के लेखक संजय बारू के रूप में अक्षय खन्ना नजर आ रहे हैं।
कुछ जाने माने और भारतीय राजनीति के बड़े नेता ऐसे भी हैं जिनकी फिल्म में हैं बेहद ख़ास भूमिकाएं लेकिन इन्हें ट्रेलर में नहीं दिखाया गया है। कुछ ऐसे नाम हैं जिन्होंने विपक्ष में रहते हुए भी सरकार पर खासा प्रभाव छोड़ा। आइए जानते हैं किन कद्दावर नेताओं को फिल्म में दी गयी है प्राथमिकता लेकिन नहीं दिखाया गया ट्रेलर में।
1. अजय सिंह (रोल निभा रहे हैं अब्दुल कादिर ) : दिवंगत कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह के सुपुत्र अजय सिंह 'राहुल भईया ' के नाम से प्रसिद्ध हैं। मध्यप्रदेश के जाने माने नेता अजय सिंह चुरहट विधान सभा से राजनीति में सक्रिय हैं। वे जाने माने बॉलीवुड अभिनेता अरूणोदय सिंह के पिता हैं।
2. लालू प्रसाद यादव (रोल निभा रहे हैं विमल वर्मा) : लालू प्रसाद यादव फिलहाल जेल में बंद हैं। बिहार से राजनीति में सक्रीय रहे लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय जनता दल के प्रेजिडेंट हैं और बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। यूपीए की सरकार में यादव रेलमंत्री भी थे।
3. लालकृष्ण आडवाणी (रोल निभा रहे हैं अवतार सैनी) : भारतीय राजनीति और बीजेपी के पितामह की तरह लालकृष्ण आडवाणी को देखा जाता है। आडवाणी 2002 से 2004 तक उपप्रधानमंत्री रहे। आडवाणी आरएसएस के बड़े नेता हैं और उन्हें बेहद प्रभावी नेता माना जाता है। उन्हें पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है जो देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक अवार्ड है।
4. शिवराज पाटिल (रोल निभा रहे हैं अनिल रस्तोगी) : पंजाब के गर्वनर रह चुके शिवराज पाटिल चंडीगढ़ से राजनीति में सक्रीय रहे। वह ग्यारवी लोकसभा के स्पीकर रह चुके हैं। मनमोहन सरकार में पाटिल कैबिनेट मंत्री थे जिनके पास होम अफेयर्स डिपार्टमेंट था। पाटिल इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के पीएम कार्यकाल में भी रक्षामंत्री थे।
5. पी वी नरसिम्हा राव (रोल निभा रहे हैं अजीत सतभाई) : पी वी नरसिम्हा राव भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे। वह जाने माने वकील और कांग्रेस से राजनेता के तौर पर जाने गए। वह पहले ऐसे पीएम थे जो ऐसे क्षेत्र से ताल्लुक रखते थे जहां हिंदी प्रथम भाषा नहीं थी। उन्हें भारत में ऐसी पॉलिसी लाने वाले पीएम के रूप में जाना जाता है जिसने कई तरह के आर्थिक सकारात्मक बदलाव किए।
फिल्म में दिखाए जाने वाले तथ्यों में कितनी हो सकती है सच्चाई?
साल 2004 में किताब द एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर के लेखक संजय बारू ने अपने मीडिया में सफल करियर को छोड़कर तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर की पोस्ट स्वीकार की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने उन्हें यह कहते हुए यह पद दिया था कि पीएम के तौर पर वह दुनिया में जो चल रहा है उससे बेखबर हो जाएंगे। यही वजह है कि वह चाहते हैं बारू उनके आँख और कान बनें। बारू उन्हे बिना डरे वह सबकुछ बताएं जो सिंह को पता होना चाहिए।