मंगलवार, 30 अप्रैल 2024
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Written By दीपक असीम

दुनियादारी समझ चुके हैं झा बाबू

दुनियादारी समझ चुके हैं झा बाबू -
राहत इंदौरी का मतला है- रिश्तों की धूप-छाँव से आज़ाद हो गए/ अब तो हमें भी सारे सबक याद हो गए। सारे सबक याद हुए हैं प्रकाश झा को। एक ज़माने में अन्याय, शोषण और भ्रष्टाचार को मिटाने के नारे लगाने वाले प्रकाश झा अब नेताओं की जी-हुजूरी करते हैं और फल पाते हैं।

पटना में प्रकाश झा का एक मल्टीप्लेक्स खुलने वाला है। इसकी शुरुआत उनकी नई फिल्म "आरक्षण" से होगी। मल्टीप्लेक्स का उद्घाटन कोई और नहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। प्रकाश झा फिल्मी हस्ती हैं। किसी को भी बुला सकते थे, पर मुख्यमंत्री को इसलिए बुलाया है कि वे मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करना चाहते हैं। आखिरकार इसी सरकार ने उन्हें बिहार में चार जगह खूब सारी जमीन दी है। 87 हजार वर्गफुट जमीन दी गई है मल्टीप्लेक्स और मॉल के लिए। सवा एकड़ जमीन मिली है अस्पताल के लिए। इसके अलावा दो जगह और बड़े-बड़े टुकड़े दिए गए हैं। जाहिर है ये सारी जमीनें बहुत मौके की हैं और लगभग मुफ्त ही झा को दी गई हैं।

अभी बहुत ज्यादा दिन नहीं हुए कि प्रकाश झा रामविलास पासवान के नजदीक थे। रामविलास पासवान की ही "लोक जनशक्ति पार्टी" से तो लोकसभा का चुनाव लड़े थे। अभी दो-तीन बरस पहले की ही बात है। दो-तीन बरस में ही प्रकाश झा के भीतर क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। घोर-घनघोर दलित पक्षधर पार्टी से उनका मोह भंग हुआ। वे न सिर्फ आरक्षण के विरोधी हो गए बल्कि दक्षिणपंथी राजनीति करने वालों के नजदीक भी चले गए। उनके दिमाग से सारा संघर्ष डिलीट हो गया है और उसकी जगह फायदे ने ले ली है।

रामविलास पासवान के नजदीक रहने से क्या मिलेगा? नीतीश कुमार जमीन दे सकते हैं। "ऊ रामबिलसवा" क्या दे सकता है? टिकट दे सकता था, दे दिया। दो बार दे दिया। रामविलास पासवान के वोटरों ने झा बाबू को जिताया ही नहीं, तो फिर "आरक्षण" न बनाएँ तो क्या करें?

अजय देवगन के साथ झा ने खूब फिल्में बनाईं। "राजनीति" में अजय देवगन के साथ राजनीति की गई। उनसे ज्यादा पावरफुल रोल रणबीर कपूर को दिया गया, अर्जुन रामपाल को दिया गया। बाद में अजय को महसूस हुआ कि गलत हुआ है। उन्होंने शिकायत भी की। दोनों के बीच सुनते हैं कुछ विवाद भी हुआ। अब "आरक्षण" से अजय गायब हैं।

झा कह रहे हैं कि उनके लिए रोल नहीं था। अजय देवगन तो इतने वर्सेटाइल एक्टर हैं कि कुछ भी कर सकते हैं। "सिंघम" में स्टंट कर सकते हैं तो "जख्म" में नेशनल अवॉर्ड विनिंग अभिनय भी कर सकते हैं। कौन मानेगा कि उनके लिए फिल्म में कोई रोल ही नहीं था, पर झा बाबू को स्टार की पावर समझ में आ गई है।

जितना पैसा सब फिल्मों से मिलाकर नहीं कमाया उतना "राजनीति" से मिला, क्योंकि फिल्म में कैटरीना और रणवीर की जोड़ी थी सो अब वे अमिताभ, सैफ और दीपिका को ले आए हैं। जिस तरह उन्हें अब रामविलास पासवान की जरूरत नहीं, उसी तरह अजय देवगन की भी आवश्यकता नहीं। इत्तफाक से उनकी पिछली फिल्म में अजय देवगन ने एक दलित का रोल किया था।