जमुई सीट पर पहली बार कमल खिलाने वाली 'गोल्डन गर्ल' श्रेयसी सिंह क्या इस बार भी जीतेंगी चुनाव?  
					
					
                                       
                  
				  				 
								 
				  
                  				  Jamui Assembly seat: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जमुई विधानसभा सीट पर पहली बार 'कमल' खिलाने वाली श्रेयसी सिंह (BJP MLA Shreyasi Singh) को भाजपा ने एक बार फिर इसी सीट से उम्मीदवार बनाया है। श्रेयसी के पिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय दिग्विजय सिंह बिहार के कद्दावर नेता रहे हैं। उनकी मां पुतुल सिंह भी बांका से सांसद रह चुकी हैं। अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज रह चुकीं श्रेयसी विधायक रहते हुए पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। बिहार सरकार ने भी ओलंपिक में उनकी भागीदारी के लिए उन्हें पुरस्कृत किया था।
				  																	
									  
	 
	क्या हैं जमुई सीट का समीकरण : इस विधानसभा सीट पर यादव, राजपूत और मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका काफी अहम मानी जाती है।  श्रेयसी खुद राजपूत जाति से आती हैं। वह गिद्धौर के पूर्व जमींदार परिवार से ताल्लुक रखती हैं। यह सीट अलग-अलग पार्टियों के बीच बदलती रही है। 2015 में यह सीट RJD ने जीती थी, लेकिन 2020 में श्रेयसी सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। पहली बार यह सीट भाजपा को मिली थी। समाजवादियों का गढ़ माने वाली जमुई सीट पर श्रेयसी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विजय प्रकाश को 41 हजार से अधिक वोटों से हराया था। 
				  				  
	 
	आत्मनिर्भर बिहार का चेहरा : श्रेयसी सिंह का मानना है कि बिहार की राजनीति का मुख्य उद्देश्य ऐसा विकास सुनिश्चित करना होना चाहिए जिससे युवाओं का पलायन रुके। युवा सम्मान की जिंदगी जिएं। उनका मुख्य फोकस जमुई और बिहार में रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करने पर रहा है, ताकि लोगों को आजीविका के लिए राज्य से बाहर 'सेकंड क्लास सिटिजन' की तरह न रहना पड़े। भाजपा में शामिल होते समय श्रेयसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान से प्रेरित होने की बात कही थी और कहा था कि वह 'आत्मनिर्भर बिहार' का चेहरा बनना चाहती हैं। विधायक के रूप में वह अपने विधानसभा क्षेत्र में काफी सक्रिय रहती हैं। 
				  						
						
																							
									  
	 
	विरासत में मिली राजनीति : श्रेयसी राजनीति में आने से पहले एक सफल निशानेबाज के रूप में अलग-अलग प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। राजनीति उनको विरासत में मिली है। उनके पिता दिग्विजय सिंह केन्द्र में मंत्री रह चुके हैं, जबकि उनकी मां पुतुल सिंह भी बांका से विधायक रह चुकी हैं। श्रेयसी सिंह को 'गोल्डन गर्ल' के नाम से भी जाना जाता है। 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने निशानेबाजी (महिला डबल ट्रैप) में स्वर्ण पदक जीता। वहीं, 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने रजत पदक जीता। 2014 के एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक जीता। 
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	Edited by: Vrijendra Singh Jhala