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Last Updated : शुक्रवार, 7 नवंबर 2025 (16:29 IST)

बिहार में रिकॉर्ड मतदान में महिला वोटर्स बनीं 'किंगमेकर', नीतीश के 10 हजार पर भारी पड़ेगा तेजस्वी का 30 हजार का दांव?

बिहार में पहले चरण की रिकॉर्ड वोटिंग के क्या है सियासी मायने?

Bihar Assembly Elections
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में इस बार 75 साल का रिकॉर्ड टूट गया। पहले चरण में वोटरों ने मतदान का नया इतिहास रच दिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार में पहले चरण में अब तक का सबसे अधिक 64.66% वोटर टर्नआउट रहा। बिहार के इतिहास में किसी भी चुनाव में इतनी वोटिंग नहीं हुई थी। बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को 121 निर्वाचन क्षेत्रों में 3.75 करोड़ मतदाताओं में से 64.66 फीसदी वोटरों ने अब तक का सबसे अधिक मतदान किया।
 
बिहार में पहले चरण के मतदान के बाद सियासी गालियारों में बढ़े मतदान को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे है। 'वेबदुनिया' ने बिहार की राजनीति को कई दशकों से करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार दीपक कोचगवे से पहले चरण में रिकॉर्डतोड़ वोटिंग के मयाने को समझने की कोशिश की।

वेबदुनिया से बातचीत में दीपक कोचगवे कहते है कि बिहार में पहले चरण में 121 सीटों पर रिकॉर्ड मतदान हुआ है। इस तरह का मतदान लालू युग में हुआ करता था। 1995 के बिहार विधानसभा चुनाव में 62 फीसदी मतदान हुआ था और उसके बाद यह अब तक का सबसे ज्यादा मतदान है। पहले चरण में बिहार में 30 से अधिक हॉट सीटों पर भी मतदान हुआ। इसमें तेजस्वी यादव की राघौपुर विधानसभा सीट, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी तारापुर से, विजयकुमार सिन्हा लखीसराय, मंगल पांडे सीवान ऐसे तमात बड़े चेहरे शामिल है।
 
वरिष्ठ पत्रकार दीपक कोचगवे कहते है कि पहले चरण मे जिस तरह पोलिंग बूथों पर महिलाओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली उससे साफ है कि महिलाओं ने जमकर वोट किया है। ऐसे में यह चुनाव बहुत कुछ इशारा करता है। एक इशारा ही कि क्या महिलाओं का वोट चल गया। इससे पहले भी महिलाओं को वोट नीतीश कुमार को गया था। अभी भी महिलाओं का वोट नीतीश कुमार के साथ जा सकता है, इसके कई कारण है महिलाओं के लिए नीतीश कुमार ने बहुत कुछ किया है, जैसे निकाय चुनाव में 50 फीसदी आरक्षण, पुलिस भर्ती में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण, शराबबंदी या महिलाओं को 10 हजार रुपए देने की बात। लग रहा है कि यह 10 हजार रुपया चल पड़ा।

वहीं जिस तरह से तेजस्वी यादव ने जिस तरह से 30 हजार रुपए एकमुश्त देने के बात कहीं है तो महिलाओं का जमकर वोट करना उसका भी असर हो सकता है। वहीं अगर युवाओं ने वोट किया है तो तेजस्वी के लिए अच्छी खबर है, अगर महिलाओं ने वोट किया है तो नीतीश के लिए अच्छी खबर है।
 
इसके साथ ही कोचगवे कहते है कि जिस तरह से तीन बजे के मतदान प्रतिशत अचानक से बढ़ने लगा, तो उसके  बाद ऐसा लगता है लोगों ने चुनाव में बढ़ चढ़कर भाग लिया है। कभी-कभी लोग चुनाव आयोग पर भी सवाल कहते है कि ऐसे कैसे अचानक से मत प्रतिशत बढ़ा गया। ऐसे में जब SIR में लाखों की संख्या लोगों के नाम कटने के बाद भी वोटिंग परसेंट का बढ़ना, कहीं न कही कोई बात जरूर है।
 
वहीं दीपक कोचगवे कहते है कि बिहार में दोनों ही गठबंधन बहुत ही रिस्की है अगर NDA गठबंधन को देखा जाए तो वहां प भाजपा और जेडीयू दोनों मजबूत है और यहीं दोनों पार्टी जितनी सीट लाते है वहीं सरकार बनाने में अहम होगा। NDA के तीसरे सहयोगी चिराग पासवान की पार्टी का लोकसभा चुनाव में स्ट्राइक रेट जरुर अच्छा था लेकिन विधानसभा चुनाव में क्या होगा, इसको देखना होगा। अगर चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी अच्छा नहीं करेंते तो भाजपा और जेडीयू दोनों को परेशानी होगी। दूसरी तरफ महागठबंधन में आरजेडी ही मजबूत है, अगर काग्रेस और वीआईपी पार्टी ने अच्छा नहीं किया तो महागठबंधन की राह मुश्किल हो जाएगा। वहीं प्रशांत किशोर को हल्के में नहीं ले सकते है क्यों उन्होंने भी तीन सालों से मेहनत की है।  

राजनीतिक विश्लेषक दीपक कोचगवे कहते है कि अगर इस बढ़े मतदान प्रतिशत को एंटी इंकंमबेंसी या बदलाव के वोट के तौर पर देखा जाए तो प्रशांत किशोर भी अहम कड़ी साबित हो सकता है। इतना तो तय है कि चुनाव अब किसी भी करवट बैठ सकता है। जहां तक मुझे लगता है कि मामला बहुत कांटे का है और क्या नतीसे आएंगे इसको लेकर अभी कोई कुछ कह नहीं सकता है। इतना जरूर है लड़ाई मजेदार है। बिहार का चुनाव ऐसे मुहाने पर है जहां कुछ भी हो सकता है।
   
पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान पर सबके अपने-अपने दावे- बिहार में पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान पर दोनों ही गठबंधन और उसके नेताओं के अपने-अपने दावे है। पहले चरण के मतदान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि  बिहार विधानसभा चुनावों में पहले चरण की वोटिंग में एनडीए ने भारी बढ़त हासिल कर ली है। इसके साथ ही दूसरे चरण में भी हर तरफ उसकी लहर नजर आ रही है”।
 
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान के लिए बिहार के लोगों का हृदय से धन्यवाद। पिछले वर्षों में बिहार ने अभूतपूर्व तरक्की की है। अब समय है बिहार को सबसे ज्यादा विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल करने का। लोकतंत्र में मतदान केवल हमारा अधिकार ही नहीं, दायित्व भी है। बिहार के लोगों से आग्रह है कि आने वाली 11 तारीख को दूसरे चरण में भी इसी उत्साह के साथ मतदान करें, ताकि बिहार और आगे बढ़े। सबका सम्मान हो, सबका विकास हो।“
 
पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान पर महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा और आजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पहले चरण के मतदान के बाद लिखा कि  बिहार ने प्रथम चरण में बदलाव के लिए मतदान किया है। हर बिहारवासी ने 20 साल के अंधकार को मिटाने के लिए, घर से निकल कर परिवर्तन की ऐसी रोशनी जलाई कि पूरे बिहार में सुख, समृद्धि, सुरक्षा, सम्मान, सौहार्द, शांति और खुशहाली की दस्तक सुनाई देने लगी है। 20 साल में पहली बार इस तरह की अभूतपूर्व बदलाव की लहर महागठबंधन के पक्ष में दिखाई दे रही है। हर घर से ही नहीं, हर हृदय से भी सिर्फ एक ही आवाज सुनाई दे रही है कि इस बार नई युवा सरकार लायेंगे, हर घर से सरकार चलायेंगे और हर बिहारवासी को सीएम यानी चिंता मुक्त और चेंज मेकर बनायेंगे।
 
तेजस्वी ने आगे लिखा कि “महिलाएँ, बुजुर्ग और हमारे युवा साथियों ने जिस जोश, जुनून,जज़्बे,उम्मीद और उत्साह के साथ लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की, उससे साफ हो चुका है कि बिहार में महापरिवर्तन होने जा रहा है। 20 वर्षों से बेरोजगारी, गरीबी, अपराध, अन्याय, ग़ैर बराबरी, अत्याचार, भ्रष्टाचार और अनगिनत पीड़ाओं का अंत होने जा रहा है। सभी 121 सीटों पर बिहारवासियों ने महागठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में एकमुश्त वोट किया है।“