भोजन के नियम
जब करें भोजन
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वीणा श्रीवास्तव हमारे शरीर को पोषण देने का एक ही माध्यम है भोजन। यदि हम अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो भोजन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए। इनमें से कुछ बातें तो आप जानते ही होंगे लेकिन फिर भी अच्छी बातें दोहराने में कोई हर्ज नहीं है, ये बातें हैं-* प्रातः बिना स्नान किए भोजन नहीं करना चाहिए। * भोजन को धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए। * भोजन को कभी भी ठूँस-ठूँसकर नहीं खाना चाहिए। इससे कई रोग हो सकते हैं। भोजन तीन-चौथाई पेट ही करना चाहिए। * भूख लगने पर पानी और प्यास लगने पर भोजन नहीं करना चाहिए, अन्यथा स्वास्थ्य को हानि पहुँचती है। जैसे खाने की आवश्यकता महसूस होने पर उसे पानी पीकर समाप्त करने की कोशिश या प्यास लगने पर कुछ भी खाकर प्यास को टाल देना। * भोजन के बीच में प्यास लगने पर थोड़ा-थोड़ा करके पानी पीना चाहिए। भोजन के तुरंत पहले या अंत में तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए। * हजार काम छोड़कर नियमित समय पर भोजन करें। * बासी, ठंडा, कच्चा अथवा जला हुआ और दोबारा गर्म किया हुआ भोजन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी नहीं होता। * भोजन पच जाने पर ही दूसरी बार भोजन करना चाहिए। प्रातः भोजन के बाद शाम को यदि अजीर्ण मालूम हो तो कुछ नर्म भोजन लिया जा सकता है। परंतु रात्रि को भोजन के बाद प्रातः अजीर्ण हो तो बिल्कुल भोजन नहीं करना चाहिए। * भोजन के तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए। * सर्दी के दिनों में (जाड़े के मौसम में) भोजन से पूर्व थोड़ा सा अदरक व सेंधा नमक खाना चाहिए, जिससे पाचन शक्ति बढ़ जाती है। * भोजन सामग्री में कड़े पदार्थ पहले, नरम पदार्थ बीच में और पतले पदार्थ अंत में खाना चाहिए। * भोजन करते समय प्रारंभ में मीठे, बीच में नमकीन और अंत में कसैले पदार्थों को खाना चाहिए। * भोजन करने से पहले केला और ककड़ी नहीं खाना चाहिए। * भोजन में दूध, दही, छाछ का प्रयोग दीर्घ जीवी बनाता है। * भोजन करने के बाद हमेशा याद रखें- न क्रोध करें, न तुरंत व्यायाम करें। इससे स्वास्थ्य को हानि पहुँचती है। * रात्रि के भोजन के पश्चात दूध पीना हितकर है।