सोमवार, 28 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. »
  3. बीबीसी हिंदी
  4. »
  5. बीबीसी समाचार
Written By BBC Hindi

मेढक गायब, साँप गुम

मेढक
वैज्ञानिकों ने एक ताजा शोध में पाया है कि दुनिया में पाए जाने वाले जीवों में से एक तिहाई लुप्त होने की कगार पर है और ये खतरा हर दिन बढ़ता जा रहा है।

BBC
पशु-पक्षियों के संरक्षण पर काम करने वाली संस्था आईयूसीएन ने 47,677 जीवों की एक रेड लिस्ट जारी की है जिसमें 17,291 जीवों की प्रजातियाँ गंभीर खतरे में हैं। इनमें से 21 प्रतिशत स्तनधारी जीव हैं, 30 प्रतिशत मेढकों की प्रजातियाँ हैं, 70 प्रतिशत पौधे हैं और 35 प्रतिशत बिना रीढ़ की हड्डी वाले यानी साँप जैसे जीव हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके लिए जिम्मेदार खतरों को, खासकर वो जगह जहाँ इस तरह के जीव रहते हैं, पनपते हैं, कम करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए जा रहे।

आईयूसीएन की निदेशक जेन स्मार्ट का कहना है कि इस बात के वैज्ञानिक सबूत मिल रहे हैं कि इस तरह के जीवों पर खतरा बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है, 'हाल के विश्लेषणों से स्पष्ट है कि 2010 का जो लक्ष्य था इन ख़तरों को कम करने का वो पूरा नहीं हो पाएगा।'

उनका कहना है कि सरकारों को फौरन गंभीर कदम उठाने होंगे क्योंकि समय बेहद तेजी से खत्म हो रहा है।

इस संस्था की तरफ से जारी रेड लिस्ट दुनिया भर में फैले हजारों वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के आधार पर बनती है और इसे जैव विविधता पर सबसे विश्वसनीय रिपोर्ट माना जाता है। इस रिपोर्ट में मेढकों की प्रजातियों का खास तौर पर जिक्र है और इसमें कहा गया है इसकी 6,285 प्रजातियों में से 1,895 विलुप्त होने की कगार पर हैं।

उदाहरण के तौर पर किहांसी स्प्रे टोड एक ऐसा मेढक है जो पहले खतरे में था और अब विलुप्त हो चुकी प्रजातियों की श्रेणी में आ गया है।

तनजानिया में पाया जाने वाला ये मेढक इसलिए लुप्त हुआ क्योंकि जहाँ इसका बसेरा होता था वहाँ नदी के ऊपरी हिस्से पर बाँध बना दिया गया और पानी के बहाव में 90 प्रतिशत की कमी आ गई।