शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. Why michael jackson in discussion in Shivsena government again
Written By BBC Hindi
Last Updated : रविवार, 10 जनवरी 2021 (12:58 IST)

माइकल जैक्सन: शिव सेना की सरकार में एक बार फिर से चर्चा में

माइकल जैक्सन: शिव सेना की सरकार में एक बार फिर से चर्चा में - Why michael jackson in discussion in Shivsena government again
सौतिक बिश्वास, बीबीसी संवाददाता
1996 में माइकल जैक्सन का मुंबई में एक शो हुआ था। दर्शकों के खचाखच भीड़ के बीच आयोजित यह माइकल जैक्सन का भारत में इकलौता शो रहा।
 
नवंबर की पहली तारीख़ को स्पोटर्स एरीना में आयोजित इस शो को क़रीब 35 हज़ार दर्शकों ने देखा था। सितंबर 1996 से अक्टूबर 1997 के बीच जैक्सन ने वर्ल्ड टूर करके 83 शो किए थे, मुंबई उनमें से एक था।
 
उस दौर में महाराष्ट्र में शिव सेना की सरकार थी। शिव सेना की तत्कालीन सरकार ने इस शो को चैरिटेबल कार्यक्रम बताते हुए इस पर लगने वाले मनोरंजन कर को माफ़ कर दिया था।
 
लेकिन जल्द ही ये शो क़ानूनी उलझनों में फँस गया, जिसके लपेटे में सरकार, कंसर्ट के आयोजक और उपभोक्ता संरक्षण समूह के लोग थे। सवाल यह उठ रहा था कि क्या जैक्सन के शो का कर माफ़ किया जा सकता है और जैक्सन के संगीत को किस तरह के कार्यक्रम के तौर पर परिभाषित करेंगे।
 
नंवबर, 1996 में इंडिया टुडे ने इस ख़बर को प्रकाशित करते हुए शीर्षक दिया था जैक्सन के शो की कर माफी की वजह कुछ ही लोगों को पता है।
 
सुकेतु मेहता ने अपनी पुस्तक मैक्सिमम सिटी में लिखा है कि सुपरस्टार जैक्सन ने कंसर्ट से होने वाली कमाई -जो दस लाख डॉलर से अधिक थी- शिव सेना के किसी यूथ प्रोजेक्ट को देने का वादा किया था। लेकिन उपभोक्ता संरक्षण समूह मुंबई ग्राहक पंचायत ने इस कर माफ़ी को बंबई हाई कोर्ट में चुनौती दी।
 
पाँच हज़ार रुपए तक का था टिकट
मुंबई ग्राहक पंचायत के चेयरमैन शिरीष देशपांडे ने बीबीसी को बताया, "कंसर्ट के आयोजन से कुछ ही दिन पहले सरकार ने दवाइयों पर बिक्री कर बढ़ाया था। हमलोगों का कहना था कि आप दवाइयों पर तो कर बढ़ा रहे हैं, तो संपन्न लोगों के म्यूज़िक कंसर्ट को कैसे टैक्स फ्री कर सकते हैं। उस समय में कंसर्ट के एक टिकट की क़ीमत पांच हज़ार रुपए तक थी जो बहुत ज़्यादा थी।"
 
भारत में टिकट को सस्ता करने के उद्देश्य से कुछ फ़िल्मों और मनोरंजन के शो को टैक्स फ्री किया जाता है। रिपोर्टों के मुताबिक़ जैक्सन का इवेंट एक तरह से फंड जमा करने का इवेंट बन गया था, जिसमें इवेंट का आयोजन करने वाली मैनजमेंट कंपनी और शिव सेना के यूथ एंप्लॉयमेंट प्रोजेक्ट को लाभ मिलना था।
 
बंबई हाई कोर्ट ने उपभोक्ता संरक्षण समूह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कंसर्ट के टिकटों की बिक्री से हुई तीन करोड़ की आमदनी को फ्रीज कर दिया, कर माफ़ी को लंबित कर दिया और सरकार को इस कर माफ़ी को मेरिट के आधार पर फिर से देखने को कहा। इस बात पर भी बहस हुई कि क्या पॉप म्यूज़िक के कंसर्ट को कर माफ़ी दी जा सकती है?
 
बहरहाल, म्यूज़िकल कंसर्ट के आयोजन के 24 साल बाद और ढेरों सुनवाई के बाद, महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार ने कर माफ़ी के फ़ैसले को बरकरार रखा है। संयोग यह है कि कर माफ़ी के फ़ैसले को बरक़रार रखने का फ़ैसला भी शिवसेना गठबंधन सरकार ने ही किया है।
 
बीते सप्ताह महाराष्ट्र के मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि कैबिनेट ने माइकल जैक्सन के 1996 के कंसर्ट के करीब 33 लाख रुपए के मनोरजंन कर माफ़ करने का प्रस्ताव पारित किया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अब इवेंट के आयोजक सरकार से यह पैसा क्लेम कर सकते हैं।
 
वहीं शिरीष देशपांडे ने कहा, "हम चाहते हैं कि यह पैसा सरकार के कोष में ही जमा रहे क्योंकि चैरिटी तो अब है नहीं।" बहरहाल, 1996 में भारतीय संगीत प्रेमियों के लिए जैक्सन का शो किसी दुर्लभ आयोजन से कम नहीं था।
 
सुपरहिट था कंसर्ट
तब मुंबई के एक बड़े कारोबारी ने जैक्सन के लिए कार ड्राइव की थी। मुंबई के सबसे लग्ज़री होटल के बाहर उनकी एक झलक देखने वालों की भीड़ जमा थी।
 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उनके कमरे में दीवार की पूरी लंबाई का मिरर लगाया था जिस पर जाते वक़्त उन्होंने अपने हस्ताक्षर किए थे। जैक्सन अपने इस यात्रा में बाल ठाकरे के घर भी गए थे। जैक्सन के भारत में बेशुमार प्रशंसक थे। मुंबई एयरपोर्ट पर जैक्सन का स्वगात करने के लिए हज़ारों लोग जमा हो गए थे।
 
कंसर्ट के आयोजकों में से एक ने मीडिया से कहा था, "मुझे याद है कि वे अपने निजी विमान से आए थे और उनके टीम के दूसरे साथी चार अलग अलग विमानों में थे। एयरपोर्ट एक घंटे तक ठहर गया था क्योंकि अधिकारी, एयरक्राफ्ट के क्रू मेंबर सब जैक्सन का अभिवादन करना चाहते थे।"
 
लेकिन इस आयोजन को लेकर विवाद भी हुआ था। विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि कैसे हिंदूवादी पार्टी पाश्चात्य मूल्यों वाली पश्चिमी पॉप कंसर्ट का समर्थन कर रही है।
 
शिव सेना के कुछ नेताओं को लग रहा था कि यह कंसर्ट अश्लीलता की सीमा को छूने वाला है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़ तब शिव सेना की सहयोगी रही बीजेपी ने अपने नेताओं को इस कंसर्ट से दूर रहने को कहा था। इंडिया टुडे से बात करते हुए बीजेपी के एक नेता ने कहा था क्या शिव सेना के लिए हमारे संबंधों से ज़्यादा महत्वपूर्ण माइकल जैक्सन हैं?
 
सुकेतु मेहता की किताब के मुताबिक़ बाल ठाकरे ने जैक्सन का समर्थन करते हुए कहा था, "जैक्सन एक महान कलाकार हैं। हमें उन्हें एक कलाकार के तौर पर स्वीकार करना चाहिए। उनके मूवमेंट शानदार हैं। अधिकांश लोग उनके तरह मूव नहीं कर सकते। आप वैसा करने की कोशिश में अपनी हड्डियां तुड़वा लेंगे।"
 
बाल ठाकरे के मुताबिक, "और जहां तक संस्कृति की बात है, तो वे अमरीका के मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसे स्वीकार करने में भारत को क्या समस्या होगी। हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि जैक्सन अमरीकी संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।"
 
50 साल की उम्र में जैक्सन का निधन जून, 2009 में लॉस एंजिलिस में हुआ था, उन पर बच्चों के यौन उत्पीड़न का आरोप भी लगा था। लेकिन 1996 में मुंबई में उनका कंसर्ट सुपरहिट साबित हुआ था।
 
एक प्रशंसक के मुताबिक़, "जैक्सन ने हेलिकॉप्टर से स्टेडियम के चक्कर लगाए थे और रॉकेट से उन्होंने एंट्री की थी।" उस इवेंट को कवर करने वाले एक पत्रकार ने इसके बारे में कोंडे नैस्ट ट्रैवलर से कहा था, "जो लोग अंदर नहीं जा पाए थे वह बाहर सड़कों पर जमा हो गए थे। उन दिनों आवाज़ पर आज की तरह कोई पाबंदी नहीं थी, तो म्यूज़िकल कंसर्ट की आवाज़ मीलों तक सुनी गई थी। लोग गलियों में गा रहे थे और थिरक रहे थे।"
ये भी पढ़ें
अमेरिका: संसद पर हमला अचानक नहीं हुआ, 65 दिनों से सुलग रही थी चिंगारी